Published On Jun 16, 2024
lyrics
जाय मिल्यो माता सीता स ,सीता माता स, अंजनी कुमार बलाकारी वो।।
1. रीछ वानरा मिल बतलाया कुन क़ुद सागर पारी वो।
राम सूमीर क चल्यो हनुमंतो, सियावर को आज्ञाकारी वो।।
2. छोटी सी देह धरी वानर की,जाय बेठयो ईमल्यां डारी वो।
चित उदास देख माता को, ऊपर से मुंदरी डारी वो।।
3. देख मुद्रिका कलपन लागी, या मुँदरी कहा से आयी वो।
क ल्यायो कोई जीव र जिनावर, क ल्यायो राक्षस भारी वो।।
4. तल उतर परणाम करया ह,जाय पड़यो चरणा र माही वो।
अंजनी को पुत्र दुत रघुवर को, सियावर की सोगंध खाई वो।
5. माता सीता वचन कहत ह, कहो कुशल प्रभुजी की सारी वो।
ऐसो गुनाह कोण होयो मोस, रामचंद्र अंग से न्यारी वो।।
6. कह हनुमंतो सुनो मेरी माता, दशरथ सुत प दुःख भारी वो।
जाय कहूँ त्रिलोकि के पति न, चढ़ आवला दोन्यू भाई वो।।
7. अठारह पदम दल रीछ बांदरा,बाली को पुत्र अंगद भारी।
नल और नील कपि सुग्रीवा, जामवन्त योद्धा भारी वो।।
8. कह हनुमंतो सूण मेरी माता, भूख लगी मोको भारी वो।
नया नया फल खाओ रे बांदरा, कुम्भकरण राक्षस भारी वो।।
9. आज्ञा ले फल खाया बाग म, वृक्ष उपाड़ सेना मारी वो।
बाग उजाड़ कंवर न मारयो,तुलसीदास लंका जाली वो।।
॥समाप्त॥