पुरानाभजन घरघर में राळा होरया एक आयो राम सिपाहीby स्व.इंद्रचंदजी पुजारी
#SALASAR BALAJI BHAJAN MANDALI #SALASAR BALAJI BHAJAN MANDALI
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 Published On Jun 30, 2024

lyrics

घर घर म रोळा होरया, एक आयो राम सिपाही॥

संगीत- जानकी को जानकार आयो एक फुलवाड़ी म,
पेड़ पता तोड़ दिया छोड़ी कोनी झाड़ी न,
अक्षय कुंवर न मार दिन्या तोड़ दी जबाड़ी न,
बीस तीस भेळा करके साग ही पछाड़ देव
बानर को विश्वास कोनी घर म बड़ज्या मार गेर,
टाबर टींगर धके आज्या झरूंटियां उपाड़ लेवे-3,।
टेर- भाग्या टोळा का ही टोळा र,लंका म डरी र लुगाई॥1॥

संगीत- लाम्बे सारे पूँछड़ न च्यारुं मेर घुमाव है,
रावण को सिपाही कोई सांकड़ो न आव है,
भूल्यो भटक्यो धक आज्या थप्पड़ म मरज्याव है,
रावणियो रामारयो ल्यायो रामजी की नार न,
कही सूनी मान कोनी कुन बरज बलदार न,
डरतो घर क माय बड़ग्यो निकल कोनी बार म-3।
टेर- ईपर पड़्यो गर्व का गोळा र,हर ल्यायो जगत की माई॥2॥

संगीत- कई सुरमां रावण भेज्या आपसरी म बतलाव,
धर धर धर धर धूज कालजो पग पिंडी थरराव,
दूर खड्या वानर न देखकर बोल सांकडो कुण आवे,
बाग बीच म खड़्यो एकलो कोई क सार कोनी,
ओड़ बड़ी लंका नगरी में कोई न धार कोनी,
हाथ जोड़ चरणां म पड़ज्या राम भक्त मार कोनी।
टेर- बिन देख हो गया धोळा र,फिर करने लग्या बड़ाई॥3॥

संगीत- रामचंद्र जी स झगड़ो करके जीत कोनी लंकापति,
रावण जकी न हरकर ल्यायो बा सीता है नार सती,
समंदर लांघ लंक म आयो बो दिख है बालजति,
धन्य ये धरती देश राम की ऐसा वीर हूया पैदा,
एक जणो यूँ उठ कर बोल्यो इ धरती पर अणमेदा,
जनम जको ही अठ वीर कहाव के पुछ तू नर मेदा।
टेर- समंदर क बठिन बोळा र, लंका पर करी ह चढ़ाई॥4॥

उठाव- आयो मेघनाध कर रोष बदन म जोश वीर बलकारी-3
संग ल्यायो ब्रह्म की फाँस गल म डारी।
नही करूँ धर्म न भंग वीर बजरंग बँधालीनी काया-3
फिर रावण के दरबार चालकर आया॥

ढाल- लंका पती करी चतुराई, झठ रुई तेल मंगाई।
बजरंग की पूँछ बंधाई, ऊपर से आग लगाई॥

संगीत- रर करतो रावण रह गया रया देखता खड्या खड्या,
गढ़ लंका म आग लगा दी कई रहगया पड़्या पड़्या,
कई तो घर खुला बळ गया कई बळ गया जडया जड्या,
सिया को संदेशों लेकर रामा दल म आयो है,
रामचन्द्र जी न देख्या हनुमत चरणा में शीश नवायो हैं,
रामा दल म आनंद हो गया मोहन हर्ष गुण गायो है।
टेर- बजरंग न भूल मत भोला र तू सूणल केसा भाई॥5॥

॥समाप्त॥

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