Published On Jul 31, 2024
lyrics
दोहा - निराली काशी तेरी तो शंकर मेरा निराला है।
जटा में बहे गंग तो पीता भंग का प्याला है॥
दयालु हम पे दया कर दया की एक नजर कर आए है तेरे दर पर बम बम भोले शंकर।
सब देवताओं में नाम तुम्हारा बढ़कर भोले नाथ पशुपती नाथ,
दयालु हम पे...॥
कैलाश से भोले अमरनाथ आए, अमरनाथ से शंकर सोमनाथ आए।
वास किया ह बद्रीनाथ में जाकर सोमनाथ पशुपतीनाथ,
बसे काशी में जाकर।दयालु हम पे….॥1॥
भस्मासुर को भोले आपने दिया वरदान,हाथ धो पीछे पड़ा आपके भस्मा शैतान।
ब्रह्मा ने देखा विष्णु ने देखा,जब ये करिश्मा भोले नाथ सब के साथ,
रूप मोहिनी का धरकर, भस्म किया ह भस्मासुर।दयालु हम पे॥2॥
रावण था भक्त तेरा उसकी भी मती फिरी, पापी रावण ने सियाराम की सीता हरी।
रावण को मारा सियाराम और हनुमान सोने की लंका जला के आए है उसे मिटा के।दयालु हम पे…..॥3॥
में बड़ा दुखिया बाबा मर्जी चाहूँ ,हुकम पड़ तो तेरा दर्शन पाऊँ ।
कोई नही मेरा तेरे शिवाय ओ भोले नाथ पशुपती नाथ,
दयालु हम पे दयाकर ……….॥4॥
॥समाप्त॥