Published On Oct 28, 2018
lyrics
पवनसूत अब तक नहीं आयो कौन जाने किसने भरमायो॥
1.बाण लग्यो श्री लखन लाल क पड़यो धरण म आये
राम कहे सुन म्हारा बीरा एक बर मुख बतलाय
क्रोध यू मन म दर्शायो॥
2.देख दसा श्री लखन लाल की उठ बोले रघुवीर
उठो भ्रात तुम मुख से बोलो कहाँ लाग्यो थार तीर
नीर नैना म ढल आयो॥
3.तुम तो लक्ष्मण सोय रहे हो मुझे खबर कछू नाय
अंजनी सूत अब तक नहीं आयो द की सूत ढलवा जाय
आज दुःख केसो दर्शायों॥
4.अवध पूरी को कैसे जाऊँ अपने वचन गयो हार
लोग कहे तिरिया की खातिर आयो भाई न मार
दास तुलसी न जस गायो॥
रघुवर प्यारे तुम रखवारे आज्ञा दो भगवान संजीवन ल्याऊ म॥
1.रामा दल के वीरो में रामचंद्र फ़ेरया बीड़ा
संजीवन बूँटी ल्याके लक्ष्मण की मेटो
बीड़ा लिया उठाये पवनसूत महाबली बलवान॥
2.महावीर यू कहने लगे संजीवन बूँटी ल्याऊ
फ़िकर करो रघुनाथ नहीं दिन उगन स पहली ल्याऊ
यही लिख्या ह लेख विधाता होनहार बलवान॥
3.असुरों की माया देखी जगह जगह प आग जले
हनुमान घबराये नहीं असली बूँटी नाही मिले
पर्वत लिया उठाये पवनसूत असुर हुया हैरान॥
4.हनुमान दल में आये रघुवर को संतोष हुवा
संजीवन बूँटी पायी लक्ष्मण जी को होश हुवा
हरिनारायण शर्मा कहता बच्या लखन का प्राण॥
॥ समाप्त॥
Created by pujari salasar