Published On Premiered Feb 11, 2020
#upsc #Pcs #All_exam #SSC #CAPF #NDA #IBPS #RBI #CDS #IAS #UPSC #bpsc #uppcs #mppcs #rpsc #jpsc #iasanalysis
#अब_आप_पाए_कोचिंग_से_मुक्ति
PDF ke liye - Please join telegram-https://t.me/ias_analysis
UPSC TEST SERIES 2020-https://bit.ly/39k3GVt
WORLD GEOGRAPHY(PHYSICAL GEOGRAPHY) PLAYLIST-https://bit.ly/38TSpL7
WORLD HISTORY PLAYLIST-https://bit.ly/36lO1Tv
PRELIMS BOOSTER 2020-https://bit.ly/2sw1ydk
घटना चक्र PLAYLIST FOR ALL SUBJECT - https://bit.ly/2rua63V
घटना चक्र PLAYLIST FOR GEOGRAPHY- https://bit.ly/36f0SI1
घटना चक्र PLAYLIST FOR POLITY - https://bit.ly/37ByVdT
ANCIENT HISTORY PLAYLIST - https://bit.ly/2sMqRI5
औद्योगिक क्रांति
औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) के प्रारम्भ होने के पहले घरेलू उद्योग-धंधों का बोलबाला था. शिल्पकार, कारीगर, दस्तकार अपने घरों के सुन्दर-सुन्दर वस्तुएँ तैयार करते थे. औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) के फलस्वरूप उत्पादन के तरीकों में आमूल परिवर्तन हुआ. मानवीय श्रम के स्थान पर यंत्रो का प्रोयग शुरू हुआ. नयी-नयी मशीनें बनीं. इस प्रकार दस्तकारी के स्थान पर वैज्ञानिक अनुसंधानों के फलस्वरूप जब कारखानों का जन्म हुआ और उत्पादन में वृद्धि हुई तो इसे ही “औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution)” की संज्ञा दी गई. संक्षेप में, औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) का अभिप्राय उन परिवर्तनों से हैं जिन्होंने यह संभव कर दिया कि मनुष्य उत्पादन के प्राचीन तरीकों को छोड़कर बड़ी मात्रा में बड़े-बड़े कारखानों में वस्तुओं का उत्पादन कर सके.
कारण
इंगलैंड में औद्योगिक क्रान्ति की नींव पहले से ही तैयार की जा रही थी. इंगलैंड का व्यवसायी वर्ग अन्य देशों के व्यवसायी वर्ग की अपेक्षा अधिक कुशल और साहसी था. व्यापार की उन्नति के लिए उनमें अधिक लगन और स्वाभाविक प्रेरणा थी. इंगलैंड का व्यवसायिक वर्ग सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त था. इंगलैंड की सरकार भी व्यापारियों के कार्यों में सहायता देती थी. परिस्थिति की सुगमता के अतिरिक्त सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिस्थतियों के कारण भी औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) सर्वप्रथम इंगलैंड में हुई. इन कारणों का विवरण कुछ इस प्रकार है –
इंग्लैंड की आंतरिक स्थिति
1688 ई. की क्रांति के फलस्वरूप इंग्लैंड संसदीय शासन-पद्धति की स्थापना हुई. जनसाधारण के अधिकार सुरक्षित हो चुके थे. राजनीतिक और धार्मिक अत्याचार से मुक्ति पाकर लोग आर्थिक विकास की ओर अग्रसर हुए. गृहयुद्ध और बाह्य आक्रमण की कोई आशंका नहीं थी. आंतरिक शान्ति और सुदृढ़ता व्यापार की प्रगति में सहायक हुई. लेकिन अन्य दूसरे-दूसरे देश राजनीतिक उलझनों में ही फँसे थे.
मध्यम वर्ग का उदय
सतरहवीं सदी में व्यापारिक क्रांति के कारण मध्यम वर्ग की शक्ति बढ़ी. किन्तु अब भी सामंती प्रतिबंधों के कारण मध्यम वर्ग के वाणिज्य-व्यापार और उद्योग-धंधों की प्रगति नहीं हो रही थी. 1740 ई. में इंगलैंड में मध्यम वर्ग ने क्रांति की. क्रांति के फलस्वरूप एक नयी व्यवस्था कायम हुई. नयी व्यवस्था में पुराने सामंती प्रतिबंधों छुटकारा मिलने और उद्योगपतियों के हाथ में शक्ति आ जाने के कारण इंग्लैंड में उद्योग-धंधों की काफी प्रगति हुई. चूँकि इंगलैंड में मध्यम वर्ग के हाथ में राजनीतिक सत्ता फ्रांस और अमेरिका से पहले आई थी, इसलिए औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) का प्रारम्भ भी पहले-पहल इंगलैंड में हुआ.
पूँजी की अधिकता
इंगलैंड का व्यापार पूर्वी और पश्चिमी द्वीप समूहों से होता था. इससे इंगलैंड को अधिक मुनाफा प्राप्त होता था. देश में पूँजीवादी व्यस्था दिन-प्रतिदिन जोर पकड़ती जा रही थी. बची हुई पूँजी का उपयोग लोग उत्पादन बढ़ाने में करने लगे. उत्पादन बढ़ने से औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) को प्रोत्साहन मिला. बैंक-प्रणाली के विकास से भी धन इकठ्ठा करने में मदद मिली.
वस्तुओं की बढ़ती हुई माँग
अठारहवीं शताब्दी के युद्ध के परिणाम भी औद्योगिक क्रांति (Industrial Revolution) की प्रगति में सहायक सिद्ध हुए. इंगलैंड पेशेवर सिपाहियों के लिए युद्ध-सामग्री तैयार करता था. सामानों की बढ़ती हुई माँग ने उत्पादन के तरीके और साधन में परिवर्तन को आवश्यक बना दिया था. ऐसी परिस्थिति पैदा हो गयी थी कि लोगों को बड़े पैमानों पर वस्तुओं के उत्पादन में अपनी बुद्धि लगानी पड़ी.
कृषि-क्रांति का प्रभाव
इंगलैंड में सर्प्र्थम औद्योगिक क्रांति होने का एक प्रमुख कारण यह था कि वहाँ सर्वप्रथम कृषि-प्रणाली में परिवर्तन हुआ. खेती के एक तरीके अपनाए गए और उत्पादन में वृद्धि हुई. लोगों की आर्थिक स्थिति में परिवर्तन आया, उनकी आवश्यकताएँ बढीं और आवश्यकताओं की पूर्ती के लिए उद्योग-धंधों का विकास किया गया. उत्पादन बढ़ने से शहरों की बढ़ती हुई आबादी को खिलाना संभव हो सका. कृषि-क्रान्ति का एक परिणाम यह भी हुआ कि खेती में लगे किसान बेकार हो गए. वे जीविका की खोज में शहर गए. इससे श्रमशक्ति के अभाव की पूर्ति हुई. अब कारखाना में तैयार वस्तुओं के लिए देश में ही बाजार मिल गया.
कच्चे माल की सुविधा
18वीं शताब्दी के मध्य तक इंगलैंड का औपनिवेशिक साम्राज्य पूर्वी कनाडा, उत्तरी अमेरिका, फ्लोरिडा, भारत, पश्चिमी द्वीप समूह, पश्चिमी अफ्रीका, जिब्राल्टर तक फ़ैल चुका था. इन स्थानों से इंगलैंड को पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल मिल जाता था. साथ ही निर्मित वस्तुओं की खपत के लिए बाजार भी मिल जाता था.
जनसंख्या में वृद्धि
जनसंख्या में वृद्धि औद्योगिक क्रान्ति का एक प्रमुख कारण था. बच्चों की सुरक्षा और गरीबों की सहायता की व्यवस्था की गई थी. अब लोग आसानी से भुखमरी और रोक का शिकार नहीं हो सकते थे. जनसंख्या बढ़ने से उद्योग के विकास के लिए श्रम की पूर्ति हुई.