Published On Oct 3, 2024
नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा एवं कथा 2024
नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा
नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा एवं कथा
जय माता रानी भक्तों मेरे युट्यूब चेनल मैं आपका स्वागत है साँवरिया DJ स्टूडियो ।
जय माता दी दोस्तों आप सभी को शारदीय नवरात्रि दो हज़ार चौबिस की हार्दिक शुभकामनाएं दोस्तो आज हम बात करेंगे नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि रंग कथा और साथ ही डाइनिंग के बिना वारंट के भी किए जाने वाले एक जरुरी काम के बारे में इसलिए वीडियो के साथ अंत तक बने रहे।
दोस्तों पौराणिक कथाओं के अनुसार नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। मां दुर्गा की नौ अद्भुत और चमत्कारिक शक्तियों में यह दूसरी शक्ति है दोस्तों ब्रह्म का अर्थ तपस्या और चांदी का अर्थ होता है।
आचरण करने वाली इस तरह ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है।तप का आचरण करने वाली दुष्ट मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से समस्त कार्यों में विजय प्राप्त होती है। इनकी पूजा से जातक के तप त्याग वैराग्य सदाचार संयम में वृद्धि होती है
मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हजारों सालों तक नेचर निराहार रहकर तपस्या की इसलिए मां ब्रह्मचारिणी गहराई आइए जान लेते दूसरा नवरात्रि व्रत क्या रहेगा दोस्तों शारदीय नवरात्रि का दूसरा नवरात्रि व्रत चार अक्टूबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा
इस दिन आश्विन शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि रहेगी तो दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाएगी तृतीया तिथि प्रारंभ होगी चार अक्टूबर की सुबह दो बजे अट्ठावन मिनट पर और तृतीया तिथि समाप्त होगी पाँच अक्टूबर की सुबह पाँच बजकर इकतीस मिनट पर आप जान लेते हैं मां ब्रह्मचारिणी पूजा की सूरत क्या रहेंगी।
दोस्तों पूजा का अभिजीत पुत्र का सुबह ग्यारह बजकर एक मिनट से दोपहर बारह बजकर अड़तीस मिनट पूजा का मूरत रहेगा सुबह चार बजकर सैंतालीस मिनट से सुबह पाँच बजकर पैंतीस मिनट और पूजा का अमृत काल मूरत रहेगा सुबह ग्यारह बजकर पचपन मिनट से दोपहर एक बजकर तैंतालीस मिनट दोस्तों इस दिन सुबह दस बजकर सैंतालीस मिनट से दोपहर बारह बजकर पंद्रह मिनट तक राहुकाल भी रहेगा यदि संभव हो तो इस दौरान पूजा पाठ से संबंधित कार्य करने से जरुर बचें अब जान लेते हैं।
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि के बारे में दोस्तों पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमेंटेटर है मानो साक्षात ब्रह्म का स्वरूप हैं
दूसरे दिन पूजा के लिए प्रातः स्नान कर हाथों में फूल लेकर मां का ध्यान कर व्रत का संकल्प करें दोस्तों इसके बाद देवी मां को स्नान कराकर सफेद फूल अक्षत कुमकुम धूल व अन्य पूजन सामग्री अर्पण करें और फिर ओम देवी ब्रह्मचारिणी नमः मंत्र का जाप कर माँ को शक्कर का भोग चढ़ाएं दोस्तों को के बाद पान सुपारी अर्पित करें इसके बाद प्रतीक्षा करें।
यानी तीन बार अपने ही जगह खड़े होकर परिक्रमा करें इसके बाद की व कपूर मिलाकर देवी मां की आरती कर लें अब जान लेते हैं नवरात्रि की दूसरे दिन किए जाने वाली खास उपाय के बारे में दोस्तों शास्त्रों के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी को हरा रंग बहुत ही प्रिय है इसलिए आज के दिन पूजा के समय आप हरा रंग धारण करें विशेष उपाय के रूप में मां को सिंदूर का चोला चढ़ाने चाहिए इसी माता रानी जल्द ही प्रसन्न होती हैं
और भक्तों की मनोकामना पूरी करती है।तो नवरात्रि के दूसरे दिन मां की विधिवत पूजा करें फिर ओम देवी ब्रह्मचारिणी नमः मंत्र का एक सौ आठ बार जाप करते हुए मां को पान के पत्ते में सुपारी मिश्री इलायची और लौंग रखकर अर्पित करने से कार्यों में सफलता की मजबूत योग बनते हैं अब जान लेते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी की कल्याणकारी कथा के बारे में दोस्तों पौराणिक कथा अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर जन्म लिया नारद जी के कहे अनुसार कठोर तप किया ताकि वे भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त कर सकें दुष्ट कठोर तप के कारण ही उनका नाम पर में चांदी या तत्पश्चात पड़ा भगवान शिव की आराधना की दौरान भी एक हज़ार वर्षों तक केवल फल फूल खाकर ही जीवित रहीं कठोर तप से उनका शरीर क्षीण हो गया।उनका तब देखकर सभी देवी देवता और ऋषि मुनि प्रभावित हुई
और सभी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि भगवान शिव उन्हें उनके कठोर तप के कारण पति स्वरूप में अवश्य ही प्राप्त होंगे दोस्तों इस तरह अपने कठोर तप से उन्होंने भगवान शिव को प्राप्त किया जय माता दी दोस्तों आपको ये वीडियो और जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जय माता दी जरूर लिखे और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। और ज्यादा से ज्यादा शेयर करें धन्यवाद