Ye Samaa Samaa Hai Ye Pyaar Ka-Karaoke
Ravindra Kamble Ravindra Kamble
44.7K subscribers
70,221 views
547

 Published On Jun 27, 2021

जब रंगीन फिल्में बनाना आसान हो गया और फिल्म की सफलता के लिए ज़रूरी हो गया तो कश्मीर की खूबसूरती को परदे के ज़रिए लोगों तक पहुंचाने का निर्माताओं में एक फैशन या चलन सा चल पड़ा. 1965 की “जब जब फूल खिले” एक ऐसी ही फिल्म थी जिस में ख़ूबसूरत कश्मीर, ख़ूबसूरत हीरो हीरोइन और ख़ूबसूरत संगीत की अहमियत सबसे ऊपर थी. उस के इर्द गिर्द कथानक रचा गया. मगर इतना काफी था फिल्म को सुपर हिट करने के लिए. इसका निर्देशन किया था सूरज प्रकाश ने और सुमधुर संगीत दिया था कल्याणजी आनंदजी ने. और हां, गीतकार आनंद बक्षी जी के कैरियर को असाधारण उछाल मिली इसी फिल्म के बाद.

निर्देशक सूरज प्रकाश और शशि कपूर जी के बीच फिल्म की सफलता को लेकर एक शर्त लगी. सूरज प्रकाश जी ने कहा की फिल्म 25 हफ्ते चलेगी और शशि कपूर जी का कहना था 8 हफ्ते. शर्त ये थी के जो “जीतेगा” वो दूसरे को एक महंगा Burligton सूट सिलवा कर देगा. शर्त की वजह से सूरज प्रकाश को महंगा सूट शशि जी को सिलवा कर देना पड़ा. हालाँकि दोनों का अंदाज़ा दूर दूर तक सही नहीं साबित हुआ. फिल्म ने 8 नहीं, 25 नहीं पूरे 50 हफ्ते पूरे किए और गोल्डन जुबिली मनाई.

गीत का picturization बहुत खूबसूरत है और संभ्रांत सौंदर्य की मूर्ती नंदा जी ने बहुत ही दिलकश अंदाज़ में इसे परदे पर पेश किया है. लता दीदी की गायकी की जितनी भी तारीफ की जाए कम होगी.

show more

Share/Embed