Published On Sep 18, 2024
आप सभी का साहित्यिक सचेतना में हार्दिक स्वागत है।
साहित्यिक सचेतना का उद्देश्य:
साहित्यिक सचेतना भारतीय चिरपुरातन और नितनवीन अद्वैतदर्शन पर आधारित शाश्वत सत्य, सनातन धर्म के वैदिक सिद्धांत, सभ्यता, वैदिक संस्कृति और वैदिक दर्शन का निस्वार्थ प्रचार-प्रसार करती है। इसका उद्देश्य सत्यनिष्ठ लोगों को दर्शन, आदिभौतिक, आदिदैविक और आध्यात्मिक दिव्य शक्तियों की वास्तविक जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे आत्मिक प्रगति कर सकें और अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
आज के इस विशेष वीडियो में हम एक सखी की भावनाओं को सुनेंगे, जो श्रीकृष्ण के अद्भुत रूप और उनकी बांसुरी की धुन से मोहित हो गई है। यह कविता श्रीकृष्ण की सुंदरता और उनके साथ बिताए अद्वितीय क्षणों का एक सजीव चित्रण है। ग्वाल-बाल के साथ मन की हर तरंग जागृत हो जाती है, और श्रीकृष्ण की बांसुरी की मधुर तान से मन आनंदित हो उठता है।
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