Published On Sep 25, 2024
आप सभी का साहित्यिक सचेतना में हार्दिक स्वागत है।
साहित्यिक सचेतना का उद्देश्य भारतीय चिरपुरातन एवं नितनवीन अद्वैतदर्शन पर आधारित शाश्वत सत्य सनातनधर्म के वैदिक सिद्धांत, सभ्यता, वैदिक संस्कृति, और वैदिक दर्शन को साहित्य के माध्यम से निष्काम प्रचार-प्रसार करना है। हमारा लक्ष्य है कि सत्य के पथ पर चलने वाले सज्जनों को दर्शन, आदिभौतिक, आदिदैविक, और आध्यात्मिक दिव्य शक्तियों की वास्तविक जानकारी प्राप्त हो सके।
इस वीडियो में, यह विचार प्रस्तुत किया गया है कि एक व्यक्ति तभी ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर सकता है जब वह लोभ, मोह, काम, क्रोध, और अहंकार से ऊपर उठ चुका हो और अपने व ब्रह्म के बीच के भेद को समाप्त कर चुका हो। जब यह अवस्था प्राप्त होती है, तब ही ब्रह्मज्ञान का वास्तविक अनुभव होता है, जो व्यक्ति को सच्ची शांति और आत्मज्ञान की ओर प्रेरित करता है।
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