Kahaan Le Chale Ho Bataa Do Musafir-Karaoke
Ravindra Kamble Ravindra Kamble
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 Published On Mar 18, 2021

हमारे घर के रत्नों की तिजोरी में कई बेशकीमती रत्न पीछे के कोने में या नीचे की दराज़ में यूँही पड़े रहते हैं और ज़्यादा तवज्जो उन रत्नों को मिलती है जो आगे की पंक्ति में रहते हैं. गायकों, संगीतकारों और गीतकारों की मेहनत से तराशे हुए कई अनमोल रतन हमारे संगीत के खजाने में पीछे की पंक्ति में यूँही पड़े रहते हैं. जैसे हेमंत कुमार जी और लता दीदी के गीतरत्नों की बात चले तो “नागिन”, “बीस साल बाद ”, “अनुपमा’ या “खामोशी” के गीत ही याद आ जाते हैं. मगर “दुर्गेशनंदिनी” (1956) का ये गीत “कहाँ ले चले हो, बता दो मुसाफिर ...सितारों से आगे,ये कैसा जहां है” शायद पीछे की पंक्ति में पड़ा वो बेशकीमती रत्न है जो हाथ लगते ही अपनी चमक दिखाता है.

ये गीत एक Dream Sequence है. अगर हिंदी सिनेमा के बेहतरीन Dream Sequences की बात करें तो सब के मुंह से पहला नाम “आवारा” का “घर आया मेरा परदेसी” का निकलेगा. मगर मेरी अपनी पहली पसंद “दुर्गेशनंदिनी” का ये गीत “कहाँ ले चले हो, बता दो मुसाफिर..” है. “घर आया मेरा परदेसी” भी एक romantic गीत है और लता दीदी ने बहुत ही प्यार से और मधुरता से गाया है. मगर शायरी बहुत सरल और रोज़मर्रा की शब्दावली का इस्तेमाल कर के बनी है. संगीत और Orchestra भी बड़ा सिंपल है. अगर आप गीत देख नहीं रहे और सिर्फ़ सुन रहे हैं तो कहीं भी Dream Sequence का फील नहीं आता.
मगर “कहाँ ले चले हो, बता दो मुसाफिर..” सुनते ही आपको एहसास हो जाएगा कि ये लोकेशन इस लोक की नहीं. पहले तो हेमंत दा की गज़ब की धुन. फिर राजिंदर कृष्ण जी की शायरी कमाल की है.

कहाँ रह गए काफ़िले बादलों के
ज़मीं छुप गई है तले बादलों के
है मुझको यकीं के है जन्नत यहीं ये
अजब सी फिज़ां है, अजब ये समां है

इस शायरी को और ऊपर उठाता है इसका Orchestra. और फिर लता जी की लाजवाब गायकी आपको सचमुच बादलों के पार ले जाती है. हेमंतदा द्वारा इस्तेमाल किया हुआ कोरस तो कमाल. अब उस माहौल में Gorgeous बीना रॉय जी की खूबसूरती नज़र आ जाए तो यकीनन आप खुद को जन्नत में ही पाएंगे. उस दौर में मधुबाला जी की खूबसूरती को कड़ी टक्कर देने वाली एक ही हीरोइन थी... बीना रॉय.

ये मेरा बहुत बहुत ही पसंदीदा गीत है. शायद मेरे कई शुभचिंतकों को उतना जाना पहचाना न लगे. अगर पसंद न भी आए तो मेरी पसंद समझ कर स्वीकार कर लें. पर मुझे लगता है उन्हें भी ज़रूर पसंद आएगा. कभी मेरी तरह कुल्लू मनाली, अरुणाचल प्रदेश या दार्जीलिंग की ऊंचाइयां चढते हुए टैक्सी या बस में ये गीत लगा कर देखिए (सुनिए). आप भी इस इस गीत के प्रशंसक हो जाएंगे.

मूल गीत की लिंक भी नीचे दे रहा हूँ.
Kaha Le Chale Ho - Lata Mangeshkar, Bina Rai, Pradeep Kumar, Durgesh Nandini Song
   • Kaha Le Chale Ho - Lata Mangeshkar, B...  

इसका एक slow version ख़ुद हेमंत कुमार जी ने गाया है. उसकी भी लिंक नीचे दी है.
Kahan Le Chale Ho Bata Do Musafir By Hemant Kumar
   • Kahan Le Chale Ho Bata Do Musafir By ...  

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