Aayega Aayega Aayega_Aayega Aanewala-Full-Karaoke
Ravindra Kamble Ravindra Kamble
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 Published On May 8, 2020

“महल” (1949) का शुमार भले ही हिंदी फिल्मों की सबसे महानतम फिल्मों में न होता हो पर निश्चित रूप से ये एक Milestone फिल्म थी. बल्कि ये कहना सही होगा कि इस फिल्म ने फिल्म और फिल्म संगीत प्रेमियों को वो दिया जिसे वो कभी नहीं भुला सकते..स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर...जी हाँ इस फिल्म के गीत “आएगा आनेवाला आएगा” ने फिल्म जगत को संगीत का सबसे बुलन्द सितारा दिया.. लता दीनान्नाथ मंगेशकर. और साथ ही दिया एक और सितारा जिसे हम मधुबाला के नाम से जानते हैं. ये फिल्म न लता जी के लिए पहली फिल्म थी न मधुबाला जी के लिए. मगर दुनिया ने इनकी प्रतिभा को जाना “महल” के बाद. अलबत्ता कमाल अमरोही की निर्देशक के रूप में ये पहली फिल्म थी.
इस फिल्म से पहले ही लता जी के गाए “अंदाज़” और “बरसात” के गीत hit हो चुके थे. मगर लता जी की गायकी तब पूरी तरह से उनकी inspiration, मशहूर गायिका नूरजहाँ के अंदाज़ में ढली थी. “बरसात” के गीतों की कामयाबी का सेहरा संगीतकार शंकर-जयकिशन जी के सर बंधा. “महल” से पहले कई मशहूर संगीतकारों ने, निर्माताओं ने लता जी की आवाज़ को सिरे से नकार दिया था, ये कहकर की आवाज़ बहुत “पतली” है, हीरोइनों पे suit नहीं करेगी.
मगर संगीतकार खेमचंद प्रकाश जी (उर्फ़ मास्टरजी) ने इस प्रतिभा को पहचाना. जब ये गीत record हुआ तब लता जी की उम्र मुश्किल से बीस साल की थी. गीत की रिकार्डिंग दिन भर चली. उस वक़्त technology उतनी ज्यादा विकसित नहीं थी. गाने में वो effect लाने के लिए मास्टरजी ने एक आईडिया लगाया. स्टूडियो के बड़े कमरे में माईक को बीच में रख दिया. लता दीदी एक कोने से गाने की शुरुवाती शायरी “ख़ामोश है ज़माना....” गाती हुई धीरे धीरे माईक की ओर बढ़ती हैं. और फिर माईक के पास पहुँच कर मुखड़ा “आएगा आएगा आएगा....” गाती हैं. गीत के अनेकों रीटेक हुए. उस ज़माने में रिकार्डिंग से पहले माईक को थोडा गर्म करना पड़ता था. अब इतने रीटेक की वजह से सारी टीम को कितनी ज़द्दो ज़हद करनी पड़ी होगी इसकी कल्पना की जा सकती है. गाना रिकार्ड होने के बाद भी फिल्म से जुड़े दिग्गजों की राय अलग अलग थी. खेमचंद जी को पूरा विश्वास था की गीत सुपरहिट होगा. फिल्म के निर्देशक कमाल अमरोही जी और एक निर्माता अशोक कुमार जी को गीत से उम्मीदें तो थीं पर खेमचंद जी से कुछ कम. दूसरे निर्माता सेवक वाच्च्छा जी तो एकदम नाखुश थे. खेमचंद जी का विश्वास जीता. फिल्म की रिलीज़ के बाद सबसे hit गीत यही साबित हुआ और आज भी उतना ही hit है. फिल्म की रिलीज़ के बाद ही खेमचंद जी बहुत बीमार हो गए और हस्पताल में भर्ती हो गए. उस बिमारी से वो उबर नहीं पाए और दुनिया से विदा लेली. अपनी इस रचना की और अपनी prodigy लता मंगेशकर की ऐतिहासिक कामयाबी को देखने के लिए खेमचंद “मास्टरजी” प्रकाश जिंदा नहीं रहे.
मगर सभी सुननेवालों के दिलों पर जादू करने वाले इस गीत की गायिका लता मंगेशकर से फिर भी लोग अनजान थे. बात ये है की उस ज़माने में फिल्मों के Credits में playback singers का नाम नहीं दिया जाता था. इस गीत की ज़बरदस्त कामयाबी के बाद ऑल इंडिया रेडियो को हजारों लाखों फोन और पत्र मिले जिसमे इस गीत की गायिका का नाम पूछा गया. इसका 78 rpm का record जो HMV Gramophone ने रिलीज़ किया था (No. N36030) उसमें इस गीत की गायिका के नाम के आगे लिखा था “कामिनी” जो फिल्म में मधुबाला के क़िरदार का नाम था. ऑल इंडिया रेडियो ने तब बॉम्बे टॉकीज़ से संपर्क करके पता किया गायिका का नाम .. लता मंगेशकर.. लता दीदी जब मशहूर हुईं तो उन्होंने playback singers का नाम फिल्मों के Credits में और रिकार्डिंग कंपनी के record पर लिखे जाने के लिए संघर्ष किया और सफल हुईं. इस गीत के गीतकार थे नक्शब ज़रकावी जिन्होंने 40s के दशक में कई गीत लिखे मगर नाम और शोहरत नहीं मिली . इस एक गीत ने अलबत्ता उन्हें ज़रूर अमर कर दिया. गीत की शुरुवाती शायरी कमाल अमरोही जी ने लिखी है जो खुद एक बेहतरीन शायर थे. गाना 6 मिनट से ज्यादा लम्बा है. 78 rpm के record की समय सीमा की तकनीकी वजह से इसे दो records पर रिकार्ड किया गया. एक में शुरू की शायरी और दूसरे में मुख्य गीत.
मशहूर फ़िल्मकार बिमल रॉय इस फ़िल्म के एडिटर थे. जो आगे चलकर ख़ुद एक महान निर्माता निर्देशक बने. उनकी प्रसिद्ध फिल्म “मधुमती” भी पुनर्जन्म पर आधारित एक प्रेमकथा थी और अगर हमें यह लगता है की वो “महल” की कहानी से प्रेरित थी तो आश्चर्य नहीं.
जब तक लता दीदी का नाम है तब तक “आएगा आनेवाला...” का, अदाकारा मधुबाला जी का, गीत के रचेता खेमचंद प्रकाश जी का, गीतकार नक्शब ज़रकावी का नाम लिया जाएगा.
लता दीदी की पसंद के टॉप गीतों में से एक ! मेरा तो पसंदीदा है ही !!

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