हम सब हैं आस्थावान हैं... किन्तु यही आस्था यदि विध्वंसक हो जाए तो उसका वास्तव में बहुत नुक़सान होता है... प्रस्तुत है इसी विषय पर डॉ दिनेश शर्मा की लिखी वार्ता - विध्वंसक आस्था - इंसानियत की मौत... कात्यायनी...