Published On May 14, 2023
अभंग:-
संतचरणरज लागता सहज|
वासनेचे बीज जळुनी जाय||
मग राम नामे ऊपजे आवडी|
सुख घडोघडी वाढु लागे||
कंठी प्रेम दाटे नयनी नीर लोटे|
ह्रदयी प्रगटे राम रूप||
तुका म्हणे साधन सुलभ गोमटे|
परी ऊपतिष्टे पुर्व पुण्य||
#abhang #bhajan #भजन_आपलं_घराघरातलं
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