प्रारब्ध दु:खी नहीं कर सकता, सबको लगता है मैं ही सही हूं।आनंदमूर्तिमाँ
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 Published On Sep 17, 2024

किसी की बस की बात नहीं है कि कोई हमें दुखी कर जाए क्योंकि हम तो आनंद स्वरूप है अगर मैं अपना आनंद स्वरूप भूल जाऊ तो दुख की स्थिति आती है।

प्रारब्ध दु:खी नहीं कर सकता,दुःखी तुम अपने अज्ञान से होते हो सबको लगता है मैं ही सही हूं ।"आनंदमूर्त,

किसी किसी जीव को यह नहीं लगता कि मैं मरने वाला हूं
जीव यह मानता है कि मैं सब कुछ जानता हूं
सबको यह लगता है आई एम द बेस्ट

I Am The Best की फीलिंग होती है

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