Ramaynam Ashram Ayodhya Dhaam
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49:30
ईश्वर की मर्यादा को बचाते हुए यदि हम जीवन पथ पर चलेंगे,तो संसार पथ को सरलता से पार कर लेंगे...
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2.3K views • 2 days ago
45:04
आगे चलने की सार्थकता तभी है,जब पीछे चलने वालों के दुख को मिटाकर उनके मार्ग को निर्विघ्नता प्रदान करे
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921 views • 6 days ago
48:35
भक्तों का कर्तव्य यहहै कि जीवन में ईश्वर को आगे करके ही चले,ईश्वर की इच्छा में अपनीइच्छा को मिला दे!
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1K views • 9 days ago
21:37
जो माया के चरणों में प्रणाम करे और मायानाथ पर प्रहार करे वह भक्त नहीं हो सकता!श्रीरामकिंकरजी महाराज
Ramaynam Ashram Ayodhya Dhaam
1K views • 12 days ago
9:05
जिसके हृदय में ईश्वर जाग रहा है,वह सन्त है और जिसके हृदय में ईश्वर सो रहा है वह असन्त है! युगतुलसी..
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1.5K views • 2 weeks ago
19:56
जो व्यक्ति संसार के पदार्थों को, संसार के व्यक्तियों को देख रहा है उसे ईश्वर का दर्शन नहीं होता!...
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2.1K views • 2 weeks ago
15:17
भक्तों की भक्ति में ईश्वर को बाँध लेने की,विलम्ब में भी रोक लेने की शक्ति होती है!श्रीरामकिंकरजी...
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1.2K views • 3 weeks ago
32:33
लखन हृदय लालसा बिसेषी//मानस सूत्र//युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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20:14
जीवन-पथ पर कभी अकेले यात्रा नहीं करनी चाहिए... युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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19:55
सांसारिक सौंदर्य को यदि हम बुद्धि से देखने की चेष्टा करें, तो सौंदर्य का आकर्षण समाप्त होने लगता है।
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1.2K views • 4 weeks ago
32:23
जीवन पथ में व्यक्ति का जो उद्देश्य है, वह अंततोगत्वा शान्ति पाना है...युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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2.4K views • 1 month ago
23:08
जीवन पथ पर चलते हुए हम शरीर रूपी डोली में बैठे हुए हैं...युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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1.9K views • 1 month ago
33:36
महत्वाकांक्षा मनुष्य के जीवन से मिट जाय यह अत्यधिक कठिन कार्य है उसे सही दिशा देने की आवश्यकता है।
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1.2K views • 1 month ago
29:43
सुख और सम्पत्ति के द्वारा यदि व्यक्ति भक्ति को भूलता है, तो सुख-सम्पत्ति बाधक है...श्रीरामकिंकरजी...
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971 views • 1 month ago
1:00:21
"तत्त्व" कर्ता के अधीन नहीं है और ''भाव" जो है वह कर्ता के अधीन है! @ramkatha
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1.7K views • 1 month ago
58:13
भगवान के दर्शन के लिए किस प्रकार का वातावरण चाहिए... युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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20:39
एक मात्र सन्त ही समस्त दुख और दरिद्रता का समाधान दे सकते हैं... दीदी माँ मन्दाकिनी श्रीरामकिंकरजी
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325 views • 1 month ago
23:07
परिवर्तन ज्ञान से ही सम्भव नहीं है, परिवर्तन भक्ति से होता है... युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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14:11
ज्ञान मार्ग द्वारा बुद्धि का सोधन कैसे करें.... युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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12:50
भ्रम और संसय की क्या परिभाषा है ? युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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18:59
निर्मल बुद्धि से ही ईश्वर का साक्षात्कार हो सकता है... युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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23:42
ऊँची उड़ान और पैनी दृष्टि या बुद्धि की सार्थकता तब है जब उनका सदुपयोग हो...युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी...
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18:54
ऐसा कोई व्यक्ति ही नहीं है, जिसका लक्ष्य श्रीसीताजी न हो... युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज
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23:45
हनुमान-विभीषण दिव्य संवाद/ रामकथा के अनमोल मोती/ दीदी माँ मन्दाकिनी श्रीरामकिंकरजी
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14:09
सनातन धर्म का सबसे बड़ा संकट है कि लोग नकली बाबा "कालनेमियों'" के चक्कर में जा रहे हैं... #ramkatha
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8:24
भक्तों ने ब्रह्म को दृश्य बनाया और स्वयं दृष्टा बन गये... युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी महाराज...
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10:51
भले ही वस्तु का निर्माता मैं हूँ किन्तु मेरा निर्माण करने वाला भी तो कोई है... श्रीरामकिंकरजी महाराज
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8:29
"सुसंग" से हमारी मति "सुमति" होती है और कुसंग से हमारी मति "कुमति" होती है!!!युगतुलसी श्रीरामकिंकरजी
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12:56
माता पिता के माध्यम से व्यक्ति का जन्म होता है!किन्तु यह दावा कर सकते हैं जन्म उनके माध्यम से ही हुआ
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18:17
रामचरितमानस में विरोधाभास एवं क्रम भंग... युगतुलसी की दृष्टि... रामचरितमानस के रहस्य
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