Published On Premiered Aug 27, 2024
लिखावट
(साहित्य और विचार की संस्था )
( 1989 में स्थापित )
ऑनलाइन प्रस्तुति
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अच्छी कविता से अच्छा कुछ नहीं
मिथिलेश श्रीवास्तव
सुविख्यात कवि , लेखक , कला समीक्षक, संस्कृतिकर्मी , स्तंभकार
संयोजक ' साहित्य और विचार की संस्था लिखावट '
कविता संग्रह - 'किसी उम्मीद की तरह ,' 'पुतले पर गुस्सा,' औरत ही रोती है पहले ,' 'चयनित कविताएं '
लंबे साक्षात्कारों की पुस्तक 'कवि का कहा '
कला और रंगमंच पर क़िताबें प्रस्तावित
Prashant Jain
Poet, Critique and Professor of Engineering in Mumbai
संजय अलंग
जन्म : 08 जुलाई, 1964; भिलाई, छत्तीसगढ़।
शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी., बैकुंठपुर (कोरिया), अम्बिकापुर (सरगुजा) और दिल्ली में।
मातृभाषा : पंजाबी।
प्रकाशित पुस्तकें : शव, पगडंडी छिप गई थी (कविता-संग्रह); छत्तीसगढ़ : इतिहास और संस्कृति (पुरस्कृत), छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ और जातियाँ, छत्तीसगढ़ की पूर्व रियासतें और जमींदारियाँ, छत्तीसगढ़ : भूगोल और संसाधन, छत्तीसगढ़ का सांस्कृतिक वैभव (दस से अधिक शोधात्मक पुस्तकें); छत्तीसगढ़ के त्योहार और उत्सव, छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प (चित्रकार डॉ. सुमिता अलंग के साथ सहलेखन); कविता- संकलन कविता छत्तीसगढ़, परस्पर कविता में कविताएँ और प्रगतिशील वसुधा के हिन्दी सिनेमा अंक में लेख सम्मिलित।
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ, लेख, यात्रा-वृत्तान्त, कहानी, समीक्षाएँ आदि प्रकाशित तथा ख्यात मंचों, रेडियो एवं टेलीविजन से प्रसारित ।
सम्पादन : आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन, छत्तीसगढ़ के पत्र व्यूज एंड न्यूज के सम्पादक-मंडल में।
सम्मान : केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा पुरस्कृत, राष्ट्रकवि दिनकर सम्मान, श्रीकान्त वर्मा स्मृति साहित्य अवार्ड, सेवा शिखर सम्मान, इंडिया आइकन अवार्ड, राजीव गाँधी एक्सीलेंस अवार्ड इन लिटरेचर, आगर हिन्दी साहित्य सम्मान, इतिहास और संस्कृति लेखन पर विषय विशेषज्ञ सम्मान आदि।
यात्रा : पूर्व, पश्चिम और दक्षिण एशिया तथा अफ्रीका आदि के कुछ देशों की यात्राएँ।
सम्प्रति : भारतीय प्रशासनिक सेवा में कार्यरत और संभागीय आयुक्त, बिलासपुर और सरगुजा संभाग, छत्तीसगढ़ में पदस्थ।
सम्पर्क : 75 ऐश्वर्य रेसीडेंसी, तेलीबांधा, डाकघर-रविग्राम, रायपुर, छत्तीसगढ़-492006
ईमेलः [email protected], [email protected] Mobile (+91) 9425307888
त्रिलोक महावर
बस्तर अंचल में जन्मे त्रिलोक महावर के अब तक विस्मित ना होना, इतना ही नमक , हिज्जे सुधारता है चांद, शब्दों से परे और नदी के लिये सोचो 5 कविता संग्रह आ चुके हैं ।अभी हाल में ही वरिष्ठ साहित्यकार शशांक द्वारा संपादित उनकी कविताओं पर केंद्रित विमर्शकी किताब कविता का नया रूपा कार प्रकाशित हुई है, जिसमें रामकुमार तिवारी सहित देश भर के 30 जाने-माने समीक्षक एवं साहित्यकारों ने महावर की कविताओं पर अपने विचार प्रकट किए हैं, जो काफी चर्चित रही । कविता आज के समय में उनकी सम्पादित किताब है। महावर बहुमुखी प्रतिभा के धनी है ।कहानी ,लघु कथा ,बाल साहित्य, जनजातीय विषयों और लोक बोलियां पर उन्होंने काम किया है। लगभग चार दशको तक आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में भी उन्होंने विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए। देशभर के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित हुई है।
साहित्य सर्जन के अलावा ज्योतिष गायन क्रिकेट और बैडमिंटन में उनकी गहरी रुचि है उन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी अमेरिका एवं एवं सांस पो यूनिवर्सिटी फ्रांस में प्रशासनिक प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है
वे रोटरेक्ट क्लब के संस्थापक अध्यक्ष तरुण साहित्य समिति के सचिव तथा नव आयाम साहित्यिक सांस्कृतिक मंच के सचिव और बस्तर प्रकृति बचाओ समिति बेस्कॉन के संस्थापक सदस्य व कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं।उन्हें बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स तथा थान खमरिया हिंदी साहित्य समिति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। पं मदन मोहन मालवीय स्मृति पुरस्कार,नई दिल्ली , अंबिका प्रसाद दिव्य पुरस्कार, विदिशा मध्य प्रदेश में साहित्य की बात संस्था द्वारा घनश्याम मुरारी पुष्प साहित्य के शीर्ष सम्मान एवं पंजाब कला साहित्य अकादमी आदि राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है उनकी किताब नदी के लिये सोचो के लिये किस्सा कोताह द्वारा कृति सम्मान से उन्हें सम्मानित किया जा चका है। श्री महावर भारतीय प्रशासनिक सेवा में धमतरी जांजगीर चांपा एवं मुंगेली में कलेक्टर तथा सरगुजा बिलासपुर एवं दुर्ग संभागों में कमिश्नर मंत्रालय एवं लोक आयोग में सचिव सरगुजा विश्वविद्यालय में कुलपति भी रह चुके हैं वर्तमान में प्रशासन अकादमी रायपुर में संचालक के पद पर पदस्थ हैं।
रामकुमार तिवारी
जन्म : 1 फरवरी 1961, तेइया महोबा (उ.प्र.)
शिक्षा : सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा
प्रकाशन : हिन्दी की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन और कुछ रचनाएं, अंग्रेजी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित ।
कविता संग्रह : 'जाने से पहले मैं जाऊंगा', 'कोई मेरी फोटो ले रहा है' एवं 'अपनी परछाई में लौटता हूं चुपचाप' प्रकाशित। चयनित कविताओं का संग्रह 'आसमान को सूरज की याद नहीं' का गुरुमुखी में प्रकाशन ।
कहानी संग्रह : 'कुतुब एक्सप्रेस' और ‘जगह की जगह’ प्रकाशित।
अन्य योगदान : मासिक पत्रिका 'कथादेश' के नवम्बर 2007 में प्रकाशित 'नवीन सागर विशेषांक' का सम्पादन।
सम्मान : अक्टूबर, 1990 में 'कादम्बिनी' मासिक पत्रिका द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कहानी प्रतियोगिता में 'सकून' कहानी को सर्वश्रेष्ठ कहानी का पुरस्कार एवं क्रियेटिव फिक्शन के लिए वर्ष 2000 का 'कथा' पुरस्कार ।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्ष 2022 में गठित “श्रीकांत वर्मा पीठ” के प्रथम अध्यक्ष पद पर मनोनयन ।
सम्पर्क : नेहरू नगर, अमेरी रोड, विद्युत कार्यालय के सामने बिलासपुर (छ.ग.)
फोन नं. 9424675868
ई.मेल : [email protected]