Girmit Saiyyahi || गिरमिट सैयाही || Hindi Play || हिंदी नाटक || Rupantar Natya Manch ||
Rupantar Natya Manch Gorakhpur Rupantar Natya Manch Gorakhpur
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 Published On Oct 13, 2024

आज से सैकड़ों साल पहले गरीबी और बदहाली से तंग आकर यहां के लाखों लोग अपने हालात ठीक करने की उम्मीद में दूर देशों में समंदर पार करते पहुँचे, इस बहकावे में कि उनके दिन सुधर जाएंगे... लेकिन उस विस्थापन ने उन्हें बहुत से दर्द दिए, अंग्रेजों द्वारा उनके साथ किया गया छल उन्हें बहुत महंगा पड़ा, इस उम्मीद ने उन्हें दुख ही दिया लेकिन इसके साथ ही उन लाखों मजदूरों के भीतर ऐसी जिजीविषा जागी जिसने एक सुनहरे वर्तमान को गढ़ दिया.... आज मॉरीशस, त्रिनिदाद, गुयाना, फिजी, सूरीनाम जैसे देशों को बनाने सँवारने में हमारे जिन पूर्वजों का खून पसीना लगा है, उन्हीं का किस्सा है है नाटक- गिरमिटिया सैयाह।
जिस एग्रीमेंट पर उन प्रवासियों की किस्मत लिख दी गयी थी, उनकी टूटी हुई जबान में वह एग्रीमेंट गिरमिट हो गया और वो एग्रीमेंट पाने वाले - एग्रीमेंटिया या गिरमिटिया।
और सैयाह याने प्रवासी...
पूर्वांचल की माटी से गए हमारे उन पूर्वजों की याद में उनके ही अंदाज को लेते हुए ये नाटक लोकगीतों और लोकनृत्य से सराबोर है। सोहर, बिदेसिया जैसी गायन शैली और पँवरिया, धोबियउवा तथा चमरउवा जैसी ठेठ लोक नृत्य शैली से सजा ये नाटक आप दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देने का भरपूर माद्दा रखता है।

4 अक्तूबर २०२४ को यह प्रस्तुति रूपान्तर नाट्य मंच के कार्यक्रम "रंग-ए-आवारगी" के अंतर्गत, उ.प्र.संगीत नाटक अकादमी, लखनऊ में हुई.

मंच पर -

आलोक सिंह राजपूत
रितिका सिंह
हरिकेश पाण्डेय
निकिता श्रीवास्तव
चन्दन यादव
विक्की प्रजापति
सोमनाथ शर्मा
सृष्टि गौड़
पवन कुमार

मंच परे-

लेखक - डॉ आनन्द पाण्डेय
निर्देशक - अपर्नेश मिश्र, सुनील जायसवाल
संगीत- आदित्य राजन
गायन- पवन कुमार (ढोलक वादन), शगुन श्रीवास्तव, हर्ष मौर्य
हारमोनियम,बांसुरी व कोरस - आदित्य राजन
प्रकाश एवं रूपसज्जा - निशिकांत पाण्डेय, नितीश भारद्वाज
ध्वनि व्यवस्था - रवि प्रताप सिंह

विशेष आभार- प्रो. राम दरश राय एवं लिटिल स्टार एकेडमी, इंदिरा नगर, गोरखपुर
तथा
श्री राजमोहन (सरनामी गायक ), नीदरलैंड
भारतेंदु कश्यप

संरक्षण व मार्गदर्शन - डॉ अमृता जयपुरियार , अध्यक्ष, रूपान्तर नाट्य मंच

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