मन_को_हंस_बणे_मत_कागा_मत_कर_संगत_खोटा_री
Madhav lal Bairwa Madhav lal Bairwa
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 Published On Nov 3, 2020

चेतावनी सत्संग भजन।।
मन को हंस बणे मत कागा मत कर संगत खोटा री भवसागर सूं तरणों वे तो बाह पकड़ ले मोटा री।।
स्वर~ माधव लाल बैरवा कपासन
9828397952

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