Published On Jun 11, 2024
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Full Lyrics 🔻
यीशु का प्रेम
कोरसः यीशु के प्रेम से मुझे, कौन अलग करेगा?
ज़मीन और आसमान में, मसीह ही प्रेमी मेरा
जीवन, मृत्यु या दुःख, संकट, उपद्रव
मुझे कभी अलग न कर सकेंगे
1. जंगल के कठिन सफ़र की कड़ी धूप में
आग की भट्ठी जैसी परीक्षाओं में
कष्ट सहके मेरे साथ, यीशु ने आँसू पोंछे
प्रेम और कोमलता से, है छुड़ाया मुझे
2. आत्मा के द्वारा यीशु रहता है मुझमें
संसार में जो है, बड़ा है वह उससे
शैतान की युक्तियों को प्रबल न होने देता
शत्रु के हमले से वो, जय है मुझे देता
3. मसीह यीशु के लिए जब निन्दित होता मैं
नित्य महिमा और आदर पाऊँगा मैं
मसीह जो महिमा की आशा है उसके द्वारा
जयवन्तों से बढ़कर, जयवन्त मैं बनूँगा
4. भयंकर बीमारी, दर्द या कोई और सृष्टि
करना चाहे मुझे दूर मसीह से कभी
मसीह का प्रेम मुझे विवश करता है सदा
उस के लिए जीऊँगा, जो मरकर जी उठा
5. प्रेमी के सीने पर टेक लिए हुए है
कौन है वह जो जंगल से चली आती है?
मसीह के प्रेम में कलीसिया मगन है
निर्दोष, निर्मल रहकर कराहती रहती है
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Video editing- Bro. Ankit
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© Masih Song
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