Published On Jul 28, 2024
एक बूढ़ी महिला मृत्यु शय्या पर लेटी थी। जब अंत करीब आ गया, तो उसके अंतिम संस्कार के बारे में आदेश देने के लिए फादर को बुलाया गया। फादर ने वृद्धा का हाथ अपने हाथों में लेकर कहा, क्या तुम जानती हो कि तुम अब कहां जा रही हो? जानती हो न? महिला ने कहा, 'जी धर्मपिता। जानती हूं। पादरी ने आगे कहा, तुम जीवन भर बहुत नेक रही, तुमने कोई पाप नहीं किया, प्रतिदिन प्रार्थना की और तुम एक // धार्मिक महिला बनकर रही। मेरी ने उत्तर दिया, धर्मपिता, आप ठीक कह रहे हैं; मैं हमेशा एक अच्छी कैथोलिक रही। तब फादर पैट्रिक ने कहा, 'मेरी। तुमसे पूछने के लिए मेरे पास एक प्रश्न है। मैं जानना चाहता हूं कि में अपने ताबूत तुम सफेद लाइनिंग चाहती हो या बैंगनी?' मेरी ने पूछा, 'धर्मपिता! इनमें क्या फर्क है? फादर ने उत्तर दिया, 'यदि तुम वास्तव में एक नेक महिला बनकर रही हो, बहुत वासनायुक्त नहीं थी, तुमने कभी चोरी नहीं // की, कभी लालच नहीं किया, प्रभु के नाम का प्रयोग करते हुए कभी अभिमान या गर्व नहीं किया और एक अच्छी कैथोलिक बनकर रही, तब तुम्हारे ताबूत में सफेद लाइनिंग लगाई जाएगी। लेकिन यदि तुम वासनामय रही, तुमने अवैध संबंध स्थापित किए हैं, तुम लालची, घमंडी, ईर्ष्यालु रही, तुमने चोरी की, परमात्मा के नाम का प्रयोग गर्व से किया और एक बुरी कैथोलिक बनकर रही, तो तुम्हारे ताबूत में बैंगनी लाइनिंग होगी। अब मैं तुमसे जानना चाहता हूं कि तुम // अपने ताबूत में किस रंग की लाइनिंग चाहती हो? बूढ़ी मेरी ने अपनी आंखें बंद की, एक क्षण सोचा और फिर कहा, फिर ठीक है धर्मपिता। मैं चाहती हूं कि लाइनिंग सफेद रंग की ही हो, पर उसमें यहां-वहां से बैंगनी रंग की भी झलक हो। तुम्हारी व्याख्याएं और अर्थ तुम्हारे मन के ही प्रतिबिंब बनने जा रहे हैं। तुम जो कुछ भी कहते हो, वही टकराकर वापस मुड़ता है। इसलिए जब कोई सद्गुरु तुम्हें कोई विधि दे, तो तुम्हें // उसके बारे में सोच-विचार नहीं करना है, अन्यथा तुम उससे चूक जाओगे। चिंतन मार्ग से भटका देता है। तुम्हें उस पर ध्यान करना है और ध्यान का अर्थ चिंतन नहीं है, उसका प्रामाणिक अर्थ है खुद को होशपूर्ण बनाए रखना। तुम्हें वही बनाए रखना है, जिससे तुम उसे विस्मृत न कर दो। तुम शांत बैठते हुए, अपना होश बनाए रखते उसे कभी भूलो मत, बस सभी कुछ इतना ही है। और देर-सबेर कुछ चीजें तुम्हारे अंदर ही खिलेंगी और // तुम्हें एक दृष्टि मिलेगी। वही दृष्टि उस विधि का अर्थ होगी।