Published On Oct 9, 2024
नवरात्रि के आठवें दिन की मां महागौरी की कथा || Navratri Day 8 - Maa mahagauri ki katha
नवरात्रि के आठवें दिन की मां महागौरी की कथा || Navratri Day 8 - Maa mahagauri ki katha
ॐ देवी महागौर्यै नमः॥ नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा मां के महागौरी रूप की पूजा की जाती है। महा का अर्थ है अत्यंत और गौरी का अर्थ है श्वेत। महागौरी के नाम से ही प्रकट होता है कि इनका रूप पूर्णतः गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा कहा गया है। इनकी 4 भुजाएं हैं इनके ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा है तथा नीचे वाला हाथ त्रिशूल धारण किया हुआ है। ऊपर वाले बांए हाथ में डमरू धारण कर रखा है और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है। इनकी पूरी मुद्रा बहुत ही शांत है। महागौरी का वाहन वृषभ है इसीलिए इन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा कन्या रूप में की जाती है | दुर्गा के माँ महागौरी रूप के पीछे कुछ रोचक कहानियां हैं।
आइए अब सुनते हैं मां महागौरी माता की कथा और जानते हैं की मां महागौरी माता की पूजा विधि |