Vrindavan:-बाबा की झोली है खाली_ खिलाते हैं हजारों को रोटी..क्या है इस रोटी में _खाते ही ये होता है
Raj Narayan Raj Narayan
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 Published On Mar 15, 2023

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।।जानिए सीता रसोई के इस गुप्त रहस्य को।।


पूजनीय रामदास महाराज जी राधा सीता रसोई के माध्यम से सैकड़ों संतों की प्रतिदिन सेवा करते हैं। देशभर से आए संत यहां प्रसाद ग्रहण करते हैं। आखिर किसकी प्रेरणा से महाराज जी ने ये महान कार्य प्रारम्भ किया। जानिए 👇👇


पूजनीय रामदास महाराज गोवर्धन परिक्रमा में राधा सीता रसोई चलाते हैं राधा सीता रसोई चलाने के पीछे बहुत रोचक कहानी है।

पूजनीय महाराज जी बताते हैं कि करीब 20 साल पहले द्वारिकाधीश के दर्शन करने गए थे। वहां पर लाइन में लगना पड़ा। इस पर महाराज जी के मन में यह सवाल आया कि वह तो ब्रज के हैं और उन्हें यदि लाइन में लगना पड़े तो उनके लिए ठीक नहीं।

क्योंकि जिस द्वारिकाधीश के दर्शन करने आए हैं वह द्वारिकाधीश स्वयं ब्रज में गोवर्धन महाराज के रूप में विराजमान है। इसलिए रामदास बाबा द्वारिकाधीश के दर्शन किए बिना लौट आएं ब्रज में।

उन्होंने निर्णय लिया कि वह संतों की सेवा करेंगे और गोवर्धन में परिक्रमा मार्ग पर वह आ गए। और वहीं पर उन्होंने संतों की सेवा की शुरुआत कर दी। करीब 15 साल पहले महाराज जी ने मात्र ₹20 से संतो के लिए प्रसाद की तैयारी की थी। क्योंकि उनके पास तो पैसे नहीं थे। मगर उनका निश्चल भाव और राधा रानी और ठाकुर जी पर असीम आस्था थी ।

धीरे-धीरे संतों की सेवा का क्रम बढ़ा दिया और संतो की सेवा की शुरुआत की गई। यह सेवा आज सैकड़ों संतो के रूप में बदल गई है। धीरे-धीरे संतों की संख्या बढ़ती गई और आज करीब हजारों की संख्या में संतों का प्रतिदिन प्रसाद की व्यवस्था की जाने लगी।

महाराज जी बताते हैं कि यह सब व्यवस्था कैसे हो पाती है उन्हें नहीं पता। तमाम भक्त परिक्रमा मार्ग में आते हैं और वह जब देखते हैं तो कहीं ना कहीं कुछ सहयोग करके चले जाते हैं। और इसके माध्यम से वह संतो को नित्य प्रतिदिन प्रसाद ग्रहण कराते हैं।

रामदास महाराज जी का कहना है कि जब आप सेवा भाव से भक्ति करेंगे तो ठाकुर जी इतना देंगे कि आप जो है उसे संभाल भी नहीं पाएंगे। इसलिए भक्ति में सेवा भाव जरूर होना चाहिए। आज रामदास महाराज जी पूरे ब्रज में रोटी वाले बाबा के नाम से चर्चित हैं।


आज साक्षात् राधा रानी और सीता मैया स्वयं महाराज जी की कुटिया में विराजमान हैं। और इनकी शक्ति से ही सब संत और भक्त प्रसादी ग्रहण कर रहे हैं। महाराज जी की इस अद्भुत भक्ति से सारे देवता भी यहां बिराजमान हैं। और अपने अपने कार्यों को संभाल रहे हैं । बिल्कुल सही कहा है संतों ने जहां ठाकुरजी व श्री राम की आदि शक्तियां मौजूद हो भला वहां पर किस चीज की कमी रह सकती है।


।।राधा सीता रसोई की जय।।

।।संत भगवान की जय ।।

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