Jantar Mantar Jaipur | Historical Place Jantar Mantar In Jaipur | Jantar Mantar Vlogs|Travel Tour |
Ajay Travel vloger . 320 k views . 2 weak ago Ajay Travel vloger . 320 k views . 2 weak ago
233 subscribers
59 views
11

 Published On Sep 5, 2024

Jantar Mantar Jaipur | Historical Place Jantar Mantar In Jaipur | Jantar Mantar Vlogs|Travel Tour |
#jantarmantar #jaipurcity #historical




#Jantarmantar #Jaipur #Rajasthan #Rajasthantour #Rajasthantourism #Jaipurtourism #India #Indiatour #Indiatourism
#Travel #TravelVlog #IndianVlogger

Jantar Mantar Jaipur observatory has many architectural astronomical instruments of 1728. These instruments of Jantar Mantar help to calculate Jaipur local time, declination of stars, locate the pole star, indicate the hemispherical position of heavenly bodies, calculate the positions of various constellations at different intervals, Meridian Pass time, Zenith Distance, altitude of the heavenly bodies etc. These instruments are architectural masonry structures. Jantar Mantar Jaipur is a World Heritage Site of UNESCO because it is the only well preserved observatory of India.

jantar mantar, jantar mantar jaipur, jaipur tourist places, jaipur tour, jaipur tourism, jaipur the pink city, jaipur trip, जयपुर , जयपुर सिटी, जयपुर वीडियो, जंतर मंतर, जंतर मंतर जयपुर, जंतर मंतर हिंदी, जंतर मंतर क्या है, जंतर मंतर कहां स्थित है, जंतर मंतर वेधशाला जयपुर, जंतर मंतर जयपुर वीडियो, जंतर मंतर लाइव, jantar mantar live

Jantar Mantar जंतर मंतर भारत का एक इतिहासिक व् राष्ट्रीय ये धरोहर है। राजस्थान की राजधानी जयपुर की एक विश्व प्रशिद्ध स्मारक है। महाराजा सवाई जय सिंह ने जंतर मंतर का निर्माण शुरू किया था जो सन 1738 में पूरा हुआ था। जंतर मंतर में सबसे दुनिया की बड़ी दीवारघडी बनी हुई है जो पत्थरो की है और साथ ही यह यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में भी शामिल है। यह स्मारक जयपुर शहर के सिटी पैलेस और हवा महल के पास बना हुआ है। यह प्राचीन इतिहासिक स्मारक प्राचीन आर्किटेक्चरल कलाओ को दर्शाता है।

स्मारक में पीतल के यंत्र देखने लायक भी है। इसके अंदर संस्कृत शब्दों की कलाकृतियाँ भी की गयी है। और उस समय की इतिहासिक संस्कृतीयो की जानकारी देता है और साथ ही 18 वी शताब्दी के लोगो की विचारधारा को दर्शाता है। सटीक भविष्यवाणी करने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध इस वेधशाला का निर्माण आमेर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने 1728 में अपनी देखरेख में शुरू करवाया था, जो सन 1734 में जाके पूरा हुआ था। सवाई जयसिंह एक खगोल वैज्ञानिक भी थे,

ये वेधशालाएं जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, बनारस और मथुरा में बनवाई गई इन वेधशालाओं के निर्माण में उन्होंने उस समय के प्रख्यात खगोशास्त्रियों की मदद ली थी। सबसे पहले महारजा सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने उज्जैन में सम्राट यन्त्र का निर्माण करवाया, उसके बाद दिल्ली स्थित वेधशाला (जंतर-मंतर) और उसके दस वर्षों बाद जयपुर में जंतर-मंतर का निर्माण करवाया था। देश की सभी पांच वेधशालाओं में जयपुर की वेधशाला सबसे बड़ी है।

इस वेधशाला के निर्माण के लिए 1724 ईस्वी में आरंभ किया गया निर्माण कार्य 10 वर्ष बाद 1734 में यह कार्य पूरा हुआ। जयपुर का जंतर मंतर बाकी के जंतर मंत्रों से आकार में तो बहुत बड़ा है ही, शिल्प और यंत्रों की दृष्टि से भी इसका कोई मुकाबला नहीं है। सवाई जयसिंह निर्मित पांच वेधशालाओं में आज केवल दिल्ली और जयपुर के जंतर मंतर ही शेष बचे हैं, बाकी पुराने खंडर में तब्दील हो

#jantar_mantar_ka_itihas​ #World_largest_sundial_in_india​ #पत्थरों_से_निर्मित_वेदशाला​ #Pink_city​

show more

Share/Embed