Published On Jan 24, 2024
#krishnabhajan #ghanshyambhajan
तुम ढून्ड़ो मुझे गोपाल मैं खोई गईयाँ तेरी
सुध लो मोरी गोपाल मैं खोई गईयाँ तेरी
पांच विकार से हां की जाए
पांच तत्व की ये देही,
पर्वत भटकी दूर कही मैं चैन न पाऊ अब के ही
ये कैसा माया जाल मैं उल्जी गइया तेरी
सुध लो मोरी गोपाल मैं खोई गईयाँ तेरी
यमुना तट न नन्दनं वन न गोपी ग्वाल कोई दिखे
कुसम लता न तेरी छटा न पाक पखेरू कोई दिखे
कब साँझ भई घनश्याम मैं व्याकुल गईयाँ तेरी
तुम ढून्ड़ो मुझे गोपाल मैं खोई गईयाँ तेरी
show more