Published On Aug 9, 2024
You are welcome to my Blogging Fun youtube channel. Thanks for watching my blogging shoot video.Here we show you many dharmik places , l like it. Mayawati Anusooya and Atri muni had three son named Chandrama, Dattatreya and Durvasa.
हमारे यूट्यूब चैनल ब्लागिंग फन पर आप सभी का स्वागत अभिनन्दन है।यहाँ हम आपको कुछ ऐसे स्थानों पर लेजाकर वहाँ के दर्शन करायेंगे जहाँ पर महासती अनुसुइया एवं अत्रि मुनि के मानस पुत्र कहे जाने वाले चन्द्रमा ऋषि, दत्तात्रेय एवं दुर्बासा ऋषि के उस तपोभूमि का दर्शन करायेंगे जहाँ इन ऋषियों ने अपने पिता के आदेशानुसार यहाँ आकर तमसा नदी के किनारे पर घनघोर तपस्या की।चन्द्रमा जी जिस स्थान पर तपस्या किये वह स्थान आजमगढ़ से कुछ ही दूरी पर भँवरनाथ चौराहे से पश्चिम तहबरपुर जाने वाली सड़क किनारे सिलनी एवं तमसा के संगम स्थल पर आजभी विद्यमान है।कभी सिलनी नदी पानी से लबालब भरी रहती थी और तमसा तो वैसे ही बहुत खतरनाक नदी कही जाती थी।क्योंकि इसमें जगह जगह इतने सारे कुंड थे कि पूछो मत।आजमगढ़ में लोग इसे टौंस नदी के नाम से भी जानते हैं।आज यह नदी काफी हद तक सूख चुकी है।जैसा कि हमनें बरसात के दिनों में ही यह वीडियो शूट किया है लेकिन इस समय भी नदी में कुछ खास पानी नहीं है।जिस नदी के जल को देखते ही डर लगता था आज वह नदी पानी के बिना सूखकर मृतप्राय होते जा रही है।लगता है कि इसके उद्गम स्थल पर ही इसके मुहाने को बाँध दिया गया हो।जो भी आप आगे की वीडियो में पायेंगे कि यहाँ पर एक पुराना शिवजी का भी मंदिर है।यहां पर बहुत कम भीड़भाड़ देखने को मिली जिससे इसके उपेक्षा का शिकार कहा जा सकता है लेकिन जिन्हें अपने देश के उन ऐतिहासिक महत्व के स्थलों के दर्शन करने की चाहत होती है वे इस स्थान पर आकर यहाँ दर्शन कर सकते हैं।जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि महासती अनुसुइया जी का आश्रम चित्रकूट में आजभी दर्शन करने के लिए उपलब्ध है।लेकिन उन्होंने अपने पुत्रों को तमसा तट पर तपस्या करने के लिए क्यों भेजा होगा, यह तो सोचने वाली बात है।
वीडियो को पूरा देखिये ।अच्छा लगे तो लाइक और कमेंट करिये।लेकिन चैनल को सब्सक्राइब करना मत भूलना।धन्यवाद।।