Published On Premiered Aug 15, 2024
आपका हमारे यूट्यूब चैनल पर स्वागत एवं अभिनन्दन है।इस वीडियो में हम आपको भारत की उस पावन भूमि का दर्शन कराने के लिये ले चलेंगे जहाँ पर महाक्रोधी कहे जाने वाले दुर्वासा ऋषि के मझले भाई दत्तात्रेय जी ने अपने तपस्या करने के लिए चुना था।यह वह स्थान है जहाँ अपने पिताजी के आदेश पर चन्द्रमा, दत्तात्रेय और दुर्वासा ये तीनों भाई चित्रकूट से आकर तमसा नदी के किनारे संगम देखकर अलग अलग स्थान चयन किया।मंजूषा नदी और तमसा के संगम पर दुर्वासा, कूँवर नदी के तमसा में संगम स्थल पर दत्तात्रेय और सिलनी के तमसा में संगम पर चन्द्रमा ने अपने लिए संरक्षित किया था।ऐसा कहा जाता है कि बहुत सालों तक इन लोगों ने यहां पर रहकर सिद्धि प्राप्त किया और फिर जहाँ मन किया, जहाँ इच्छा हुई ये भ्रमण करते रहे।ये धरोहर है भारत की, इसलिये इस स्थान का आजभी बड़ा महत्व है।