Sarnath Temple Varanasi | सारनाथ मंदिर | Sarnath Tour | Sarnath Budhhist Temple Uttar Pradesh
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 Published On Jul 14, 2024

सारनाथ का इतिहास और दर्शनीय स्थल

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सारनाथ का इतिहास दोस्तों जैसा की सभी जानते है की बौद्ध धर्म को दुनिया के 400 मिलियन से भी अधिक अनुयायी दुनिया के विभिन्न देशो में रहते है | दोस्तों लेकिन बहुत ही कम लोगो को पता है की बनारस में स्थित सारनाथ में भगवन बुद्ध आये थे और वहां उन्होंने बोधि वृक्ष के नीचे बैठ कर ज्ञान प्राप्त करने के बाद अपना पहला उपदेश दिया था | सारनाथ की समृद्धि और बौद्ध धर्म का विकास सर्वप्रथम अशोक के शासनकाल में दृष्टिगत होता है। उसने सारनाथ में धर्मराजिका स्तूप, धमेख स्तूप एवं सिंह स्तंभ का निर्माण करवाया | सारनाथ को 3 शताब्दी ईसा पूर्व से ऐतिहासिक उथल-पुथल की एक श्रृंखला से गुज़रना पड़ा था, लेकिन जब सम्राट अशोक ने इस स्थान पर विशेष रुचि ली और विशालकाय स्तूपों जैसे शानदार ढांचे का निर्माण किया तो इस जगह का आकर्षण बढ़ा ।

सारनाथ के इतिहास में सबसे गौरवपूर्ण समय गुप्तकाल था | उस समय यह मथुरा के अतिरिक्त उत्तर भारत में कला का सबसे बड़ा केंद्र था । हर्ष के शासन काल में ह्वेन त्सांग भारत आया था | उसने सारनाथ को अत्यंत खुशहाल बताया था । हर्ष के बाद कई सौ वर्ष तक सारनाथ विभिन्न शासकों के अधिकार में था लेकिन इनके शासनकाल में कोई विशेष उपलब्धि नहीं हो पाई। महमूद गजनवी (1017 ई.) के वाराणसी आक्रमण के समय सारनाथ को अत्यधिक क्षति पहुँची | सारनाथ में कई मंदिर, मठ, संग्रहालय, उद्यान यहां के प्रमुख आकर्षण हैं जो बौद्ध धर्म और उसके इतिहास को समर्पित हैं, और चौखंडी स्तूप हर साल कई पर्यटकों को आकर्षित करने वाले सबसे प्रमुख लोगों में से एक है।

बुद्ध पूर्णिमा सारनाथ

दोस्तों बुद्ध पूर्णिमा को गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान और मोक्ष के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस उत्सव के दौरान कई बौद्ध स्थलों पर प्रति वर्ष समाहरोह का आयोजन किया जाता है। बुद्ध पुर्णीमा के इस पवित्र त्यौहार पर अधिकतर बौद्ध मंदिरो और मठो के बहार गरीब लोगो के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर लगाकर उनको मेडिकल सम्बन्धी सुविधाएं मुफ्त में दी जाती है। इस समय दुनिया भर के तीर्थयात्री सारनाथ की यात्रा के लिए जाते है। पूर्णिमा की रात को पड़ने वाले इस त्यौहार को भारत में बुद्ध पूर्णिमा कहते है। इस त्यौहार के दिन शाम के समय बोधि वृक्ष और यहाँ के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर दीपक जलाये जाते है। भक्तों द्वारा बुद्ध की मूर्ति को पानी और फूलों से भरे बेसिन में रखा जाता है। कई शाकाहारी व्यंजनों, मबत्तियों, फूलों, भजनों और प्रसाद के साथ बुद्ध पूर्णिमा के इस शुभ दिन को बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है

चौखंडी स्तूप, सारनाथ दोस्तों कहते है की बनारस के सारनाथ में बना चौखंडी स्तूप उत्तर प्रदेश के सबसे पवित्र और पर्यटकों द्वारा सबसे अधिक देखे जाने वाला स्तूप है। इस स्तूप को बौद्ध संस्कृति में दिव्य और महत्वपूर्ण स्मारक बताया जाता है। भगवन बुद्ध की मुलाकात जहा पर अपने 5 तपस्वियों से हुई थी वहीं पर इस स्तूप का निर्माण किया गया है। इन्ही तपस्वियों के द्वारा भगवन बुद्ध ने अपनी पहली शिक्षा का प्रचार किया था। इस घटना को याद रखने के लिए इस स्तूप को बनवाया गया था । जो बौद्ध धर्म के उदय में काफी सहायक रहा । चौखंडी स्तूप जाने के बाद एक अलग शांति की प्राप्ति होती जो बेहद अद्भुद है।

थाई मंदिर सारनाथ

https://t.me/mrsppointथाई मंदिर सारनाथ में एक प्रसिद्ध आकर्षण जो यहां की वास्तुकला की शैली को प्रदर्शित करता है। बता दें कि यह मंदिर सुंदर बगीचों के बीच बना हुआ है, जो यहां आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियो के आकर्षण का केंद्र है यहां पर बौद्ध भिक्षुओं द्वारा शांत और शांतिपूर्ण प्रदान किया जाता है। यह मंदिर ज्यादा बड़ा नहीं बना हुआ है लेकिन इसमें भी महात्मा बुद्ध की सुनहरे रंग की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर की खासियत इसकी थाई वास्तुशिल्प शैली है। इसलिए दूर से ही बाकी इमारतों से अलग दिखाई देती है। यह मंदिर थाई बौद्ध महंतो द्वारा संचालित किया जाता है

तिब्बती मंदिर सारनाथ

तिब्बती मंदिर सारनाथ के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है इस मंदिर को थांग्सा से सजाया गया है, जो तिब्बती बौद्ध चित्र हैं। इस मंदिर में शाक्यमुनि बुद्ध की एक मूर्ति है। यहां मंदिर की ईमारत के बाहर आप प्रार्थना पहियों को देख सकते हैं जिन्हें घड़ी की दिशा में घुमाया जाता है आपको बता दें कि इस मंदिर में थाईलैंड, तिब्बत, चीन, और जापान से भारी संख्या में तीर्थ यात्री और बौद्ध विद्वान आते हैं।

पुरातत्व संग्रहालय सारनाथ

1910 में स्थापित पुरातत्व संग्रहालय तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से 12 वीं शताब्दी ईस्वी तक के कलाकृतियों के संग्रह का प्रदर्शन करता है | सारनाथ संग्रहालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का प्राचीनतम स्थल संग्रहालय है । सारनाथ में बौद्ध मूर्तियों का विस्तृत संग्रह है। संग्रहालय में 6,832 मूर्तियाँ और कलाकृतियाँ हैं। अगर आप सारनाथ की यात्रा करने आते हैं तो इस संग्रहालय में रखी हुई प्राचीन कलाकृतियों देखने जरुर जायें।

सारनाथ घूमने का सबसे अच्छा समय क्या है

दोस्तों अगर अपने सारनाथ जाने का प्लान बना लिया है तो आपको बता दे की यहाँ जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। अप्रैल से सितम्बर तक इस जगह पर ना जाना ही बेहतर होता है। क्योंकि इस समय में तेज गर्मी और पसीने के कारन आप घूम नहीं पाएंगे | अगर आप यहां मनाये जाने वाले विभिन्न त्योहारों में शामिल होना चाहते हैं तो बता दें कि यहां के मुख्य त्यौहार बुद्ध पूर्णिमा (मई) और महा शिवरात्रि (फरवरी- मार्च) हैं।

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