Published On Oct 5, 2024
चंद्रघंटा माँ दुर्गा का तीसरा रूप हैं, जिनकी उपासना नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। उनके भक्ति गीत में माँ के सौम्य और वीर रूप का वर्णन होता है। माँ चंद्रघंटा के मस्तक पर अर्धचंद्र है, जो उनकी शांति और धैर्य का प्रतीक है, और उनके घंटे की ध्वनि से सभी नकारात्मक शक्तियाँ दूर भागती हैं। गीत में भक्त उनकी शक्ति, साहस और करुणा की महिमा गाते हैं। वे सिंह पर सवार होकर युद्ध के लिए तैयार रहती हैं, परंतु उनका रूप शांत और सौम्य है। इस गीत में माँ से भय, दुख और विपत्तियों से रक्षा की प्रार्थना की जाती है।
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