Published On Aug 7, 2024
• अमर शहीद रामफल मंडल # भारत का स्वतंत्...
अमर शहीद रामफल मंडल # भारत का स्वतंत्रता संग्राम # Life story of son of india Shri Ramfal mandal.
इस व्याख्यान में भारत मां की अमर सपूत शहीद श्री रामफल मंडल के जीवन की विभिन्न घटनाओं का वर्णन किया गया है। जिसके अंतर्गत यह बताया गया है कि एक सामान्य गरीब परिवार में जन्म लेने वाला बच्चा जो समाज के अत्यंत अपेक्षित वर्ग की जाति धानुक से संबंध रखते थे। उन्होंने नौजवान होने पर भारत में चल रहे स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन को देखा और उद्वेलित हो गए । सन 1942 ईस्वी में महात्मा गांधी के द्वारा चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन को देखकर वे भी भारत मां की रक्षा करने के लिए आंदोलन में कूद पड़े और अंग्रेजों का कड़ा विरोध करने लगे। अंग्रेजों ने उनकी गतिविधियों को देखकर अत्यंत कठोर कदम उठाए और उनको बंदी बना लिया गया। इसके बाद उन पर मुकद्दमे चलाए गए । अंततः फांसी की सजा सुनाई गई। मात्र 19 वर्ष की आयु में भारत मां की रक्षा करते हुए फांसी के फंदे को हंसते-हंसते चूम लिया। इससे पहले जब उनसे पूछा गया था कि तुम्हारी अंतिम इच्छा क्या है? तो उन्होंने जवाब दिया -"मेरी अंतिम इच्छा है कि अंग्रेज हमारे देश को छोड़कर चले जाएं और भारत मां गुलामी की बेडियों से आजाद हो जाए। ऐसे अमर सपूत को हम सभी भारतीय सदैव सम्मान के साथ नमन करते हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपने परिवार और स्वयं की परवाह न करते हुए छोटी सी उम्र में शहादत दे दी । हम सभी भारतीय उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन करते हैं । इस अवसर पर मैं व्यक्तिगत रूप से यह निवेदन करना चाहता हूं । कि धानुक समाज के इस वीर पुरुष के द्वारा दिखाई गये मार्ग पर चलते हुए हम अपनी, अपने परिवार की, अपने समाज और देश की अस्मिता को बचाने के लिए सदैव तैयार रहें। "शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटनें वालों का यही बाकी निशां होगा।" रामफल मंडल जिंदाबाद *** । जय हिंद।