Published On Sep 26, 2024
नहीं कहता कि तुम
मैं नहीं कहता कि तुम मुझे याद करोगे
आख़िर क्यों मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे
कोशिश थी यही बस मेरी मुझे ऐसा लगता है
कि मुझे तुम बेहतर लहज़े में याद करोगे
तुम्हारे साथ था सबको नहीं पसंद था
लगता होगा कि मुझे खुद पर घमंड था
चलेगा अगर गिले शिकवे मेरे बाद करोगे
कोशिश थी यहीं बस मेरी मुझे ऐसा लगता है
कि मुझे तुम बेहतर लहज़े में याद करोगे
एक मकसद पूरा हुआ अगला की अब दरकार है
जिंदगी है एक सफर और जाना हमें उस पार है
आज मैं हूं कल तुम भी जनाब चल दोगे
कोशिश थी यही बस मेरी मुझे ऐसा लगता है
कि मुझे तुम बेहतर लहज़े में याद करोगे
इस महफ़िल में हमने एक अरसा गुज़ारा है
आज तक था मेरा कल से वक़्त तुम्हारा है
इल्म है कि मुझे तुम ना नज़रंदाज़ करोगे
कोशिश थी यही बस मेरी मुझे ऐसा लगता है
कि मुझे तुम बेहतर लहज़े में याद करोगे
मैं नहीं कहता कि तुम मुझे याद करोगे
आख़िर क्यों मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे
कोशिश थी यही बस मेरी मुझे ऐसा लगता है
कि मुझे तुम बेहतर लहज़े में याद करोगे