भीमराव आंबेडकर के बाद कांशीराम को दलितों का सबसे बड़ा मसीहा माना जाता है. मायावती को राजनीति में लाने वाले कांशीराम ही थे. कांशीराम की जयंती पर उन्हें याद कर रहे हैं रेहान फ़ज़ल विवेचना में.