Published On Apr 11, 2023
आज की वीडियो में हम जानेंगे पूसा बासमती की जो दूर नहीं किस में है पूसा बासमती 1692 और दूसरी जो है पूसा बासमती 1847 इसमें से किसान भाइयों को इस वर्ष लगाना कौन बेहतर होगा अगर आप लगाना चाहते हैं भविष्य में तो आपके लिए दोनों में से कौन सी किसमें सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित होगी क्योंकि जो पूसा बासमती 1692 है यह सन 2021 में आई थी और जो पूसा बासमती 1847 है यह सन 2022 में आई है 1 साल का फर्क है लेकिन दोनों के समूह में उत्पादन के मामले में लेकर के या अन्य बहुत सी चीजें हैं वह काफी अलग हैं जैसे 1692 में जो सबसे बड़ी समस्या है कि इसमें झुलसा और झोंका दोनों तरह के रोग आगे लग सकते हैं और जो झंडा रोग जिसको बकानी बोलते हैं यह भी रोक देखने को मिला है बाकी जो है यदि हम 1847 की बात करें तो पूसा बासमती 1847 जो है पिछले वर्ष से किसान भाइयों ने लगाया था और इसकी जो जनकपुर से काफी बेहतर पैदावार भी मिली और इसके साथ साथ जो है इसमें किसी तरह की रोग बीमारी देखने को नहीं मिले क्योंकि पूसा बासमती जो है इसके पहले की प्रजातियां हैं उसमें ढूंढो करो काफी ज्यादा लगता था जिसके लिए दवाओं का खर्च लगभग 130 के ऊपर का हो जाता था तो दवाओं का खर्च के साथ धान की गुणवत्ता भी खराब होती थी क्योंकि मानक से अधिक कीटनाशक के लक्षण मिलते थे जिससे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में होना काफी कम हो गया था जिसके कारण जो है रेट भी काफी कम मिलने लगे थे तो इन्हीं सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए जो पूसा बासमती की है उसमें कुछ इस तरह के गए हैं जिसके आधार पर यह किस्म तैयार की गई है इसमें झुमका और झुलसा दोनों तरह के रोग लगते थे वह नहीं लगे तो इसके लिए बचाव के उपाय में आपको दवाओं आदि का भी स्प्रे नहीं करना है और साथ-साथ जो है इसकी पैदावार भी काफी अच्छी मिलेगी और सिंचाई आदि कम करने की भी जो है जरूरत पड़ेगी धन्यवाद.pusa basmati1847
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