संपूर्ण दिवस में जाने अंजाने किए गए पापों के प्रक्षालन हेतु श्रावक प्रतिक्रमण। प्रत्येक श्रावक को नित प्रति इसका पाठ करना चाहिए इससे अदभुत शांति की अनुभूति होती है।