रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह बोले , जल्द ही देवता के आदेश से जगती का समय निश्चित किया जाएगा
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 Published On Nov 11, 2019

देव समाज में आज भी बहुत से ऐसी परम्पराए है, जो इसे दुनिया से अलग बनाती है। कुल्लु जनपद में ऐसी ही परम्परा है जगती पूछ। अक्सर विश्व कल्याण या किसी अहम मुद्दे के लिए होने वाले इस जगती को देव संसद या धर्म संसद भी कहा जाता है। वर्ष 2014 के बाद अब जगती पुनः कुल्लु के हर नागरिक की जुबान पर है। इसका कारण है, की 5 साल बाद एक बार फिर इसका आयोजन होने जा रहा है ।
इस बार देवता धूम्मल नाग ने इसे करवाने के आदेश दिए है ओर कारण देव परम्पराओ से छेड़छाड़ का है। कुल्लु जिला के देव समाज की इस अद्भुत आयोजन में घाटी के देवता भाग लेते है। इसमें पहले राज परिवार के सबसे बड़े सदस्य जो राजा होता है ओर वह देवताओ के प्रतिनिधियों यानी गुर, पुजारी ओर कारदार को निमंत्रण यानी छन्दा देता है। उंसके बाद तय तिथि ओर स्थान पर सभी देवता जगती के लिए एकत्रित होते हैं। इसमे देवता के गुर उनके निशाना जिसमें घण्टी या धडछ आदि सहित आते हैं। इस दिन भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदर महेश्वर सिंह सबसे पहले भगवान कि पूजा करने के बाद जगती में शामिल होने वाले अभी देवताओ की गुर के आगे पूछ डालते है और जिस विषय पर जगती बुलाई जाती है उस पर राय ली जाती जाती है। पुछ के जरिये सभी गुर अपने देव वचन सुनाते है। देवताओं की संयुक्त विचार के बाद एक फैसला सुनाया जाता है।

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