महात्मा गांधी के रास्ते सोनम वांगचुक। दमन पर आमादा सरकारें।
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 Published On Streamed live on Oct 2, 2024

पर्यावरण कार्यकर्ता, शिक्षाविद सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों ने 1 सितंबर को लेह से दिल्ली तक पैदल यात्रा शुरू की थी। उनकी यात्रा आज दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर राजघाट पर समाप्त होनी थी। "दिल्ली चलो पदयात्रा" लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा आयोजित की गई है, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ संयुक्त रूप ��े पिछले चार साल से आंदोलन चला रही है। 30 सितंबर को जब यात्रा सिंघु बॉर्डर के रास्ते दिल्ली में दाखिल हुई तो दिल्ली पुलिस ने वांगचुक और उनके समर्थकों को रोक लिया और करीब 150 लोगों को हिरासत में ले लिया। ये सभी लोग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्तता देने की मांग कर रहे थे। सोनम वांगचुक एक प्रख्यात शिक्षाविद, जलवायु कार्यकर्ता और सामाजिक सुधारक हैं। उन्होंने Students' Educational and Cultural Movement of Ladakh की स्थापना की, जो लद्दाख के ��ात्रों के लिए शिक्षा सुधार और विकास के लिए काम करता है। वह कई आविष्कारों के लिए भी जाने जाते हैं, जैसे सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट और आर्टिफिशियल ग्लेशियर।

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