Published On Aug 1, 2020
Vocals : Vaishali Shah
My 2nd Jain Stavan: Paapi ne tu
• Paapi Ne Tu Pyar Kari Le || पापी ने त...
My 3rd Jain Stavan: Ek Pankhi Aavine
• Ek Pankhi Aavine || एक पंखी आवीने || ...
My 4th Jain Stavan : Tu Prabhu Maro
• Tu Prabhu Maro || तुं प्रभु मारो || ત...
जिनवर तारु शासन आ जगमा छे महान,
ऐना आधार मारे तरवो संसार।
मने ऐ ज तारशे, भवपार उतारशे,
मझधारमा नैया, कांठे पहोचाडशे,
एवी मुजने श्रद्धा छे,साचे साची श्रद्धा छे,
दृढ मुजने श्रद्धा छे ,पाके पाये श्रद्धा छे
नश्वर संबंधो ज्यारे साथ छोडशे,
त्यारे निश्चय ए मारो हाथ पकडशे,
समजण देशे,सांत्वना देशे,शक्ति पण देशे,
भूलो जो पडीश मुजने मार्ग ए देखाडशे,
ढीलो जो पडीश मारू सत्व ए वधारशे।
जिनवर तारु शासन आ जगमा छे महान,
ऐना आधार मारे तरवो संसार।
मुंझवण थशे तो मार्गदर्शन आपशे,
अवढवमा साची मने समजण आपशे,
मोक्ष मार्गनु एकांते आकर्षण आपशे,
पुरुषार्थ करशे एने आधार आपशे,
समर्पित थयेलानु ध्यान सदा राखशे।
जिनवर तारु शासन आ जगमा छे महान,
ऐना आधार मारे तरवो संसार।
अज्ञान अंधकार ने दूर करशे,
ज्ञानना अजवाळा जरूर ए करशे,
सत्य देशे,तत्व देशे,मिथ्यात्व हरशे,
अशुद्ध एवा आत्मा शुद्ध ए बनावशे,
साधना करावी अंते सिद्ध पण बनावशे।
जिनवर तारु शासन आ जगमा छे महान,
ऐना आधार मारे तरवो संसार।
शासन एकांते सहुने सुखदायी छे ,
शासनथी विपरित बधु दुःखदायी छे ,
जिनशासननी प्रत्येक आज्ञा शिवदायी छे
आज्ञा जे पाळशे ते शिवसुख पामशे,
शरणे जशे जे एना भवदुःख भांगशे।
जिनवर तारु शासन आ जगमा छे महान,
ऐना आधार मारे तरवो संसार।