Published On Mar 9, 2021
Allahabad के लड़को, तुमसे ये मौका न छूटे I Nilotpal Mrinal I Latest Kavi Sammelan
देश के गांव-गांव, कस्बों-कस्बों से आये लाखों लाख छात्र-छात्राओं के लिए जो घर से दूर किसी नगर-महानगर अपने सपनों को साकार करने का संघर्ष करते जूझते रहते हैं...उनके लिए मैंने इन चंद पंक्तियों से बेहतर कुछ नहीं लिखा है।
इलाहाबाद के लड़कों/लड़कियों मैने आपके हवाले से ये प्रार्थना की है...इसे देश के हर संघर्ष करते छात्र/छात्राओं को समर्पित करता हूँ। सुनें और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें II
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हम ही तो कल इतिहास लिखेंगे
• हम ही तो कल इतिहास लिखेंगे I Nilotpal...
गाँव की खुशबू मिलेगी गीतों में
• गाँव की खुशबू मिलेगी गीतों में I Nilo...
2016 में देश में युवाओं को मिलने वाला सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान "साहित्य अकादमी युवा अवार्ड" से सम्मानित नीलोत्पल मृणाल बिहार-झारखण्ड से ताल्लुक रखते हैं, साहित्य-समाज सेवा के लिये बिहार गौरव सम्मान समेत अन्य सम्मान से इन्हें नवाज़ा जा चूका है,इनके लिखे हुए दोनों उपन्यास "डार्क हॉर्स" और "औघड़ " दैनिक जागरण बेस्ट सेलर हिंदी लिस्ट में NO-1 पर रह चुकी हैं । वर्तमान में भी NO-1 पर स्थिर है और हिंदी में विगत कई दशकों में ये सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों की सूचि में भी हैं, कविता -गीत में मंच से लेकर टीवी तक का सफ़र करने वाले नीलोत्पल मृणाल छात्र आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभा चुकें हैं, इनकी रचनाओं में गाँव का सोंधापन और वास्तविकता का अनूठा संगम होता है, हाल ही में एक सितारा रेस्ट्रां में इन्हें जब कंधे पे गमछा ले जाने से रोका गया तो सोशल मिडिया पे "गमछा क्रांती" आंदोलन चल पड़ा, जिसमें लाखों लोग इनके साथ खड़े हुए और परिणाम ये निकला कि उस रेस्तरां ने अपने ड्रेस कोड में ही गमछा शामिल कर लिया।इस गमछा क्रांति से नीलोत्पल देश भर में चर्चित हुए।