जोत जवारा विसर्जन सिंघोला | Jot Jawara Visarjan Singhola | Chhattisgarh | Vlogs Rahul
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 Published On Apr 18, 2024

जोत जवारा विसर्जन सिंघोला | Jot Jawara Visarjan Singhola | Chhattisgarh | Vlogs Rahul
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छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव शहर से लगे ग्राम सिंघोला स्थित सिद्धपीठ माता भानेश्वरी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है यहां हर साल चैत्र व क्वांर नवरात्र में मेला भरता है मंदिर में ज्योति कलश की स्थापना भी होती है

छत्‍तीसगढ़ के राजनांदगांव शहर से लगे ग्राम सिंघोला स्थित सिद्धपीठ माता भानेश्वरी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है यहां हर साल चैत्र व क्वांर नवरात्र में मेला भरता है मंदिर में ज्योति कलश की स्थापना भी होती है नवरात्र में मंदिर में दूर-दराज से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं मंदिर को आकर्षक लाइटों से सजाया गया है मंदिर की विशेषता यह है कि यहां स्थापित ज्योति कलश के विसर्जन के दौरान पुरुष ही उठाते हैं इस बार भी भानेश्वरी माता मंदिर व माता तालाब के बीच बने दुर्गा मंदिर में नौ दिनों तक विशेष पूजा अर्चना होगी नवरात्र के नौ दिनों तक धार्मिक आयोजन भी होंगे

जानें मंदिर का इतिहास
बताया जाता है कि गांव के एक मध्यम वर्गीय किसान सोमनाथ साहू के परिवार में नौ मई 1911 को भानुमति का जन्म हुआ 12 वर्ष की उम्र में उसके शरीर में बड़े चेचक के दाने उभरने इसके बाद गांव के शीतला मंदिर में माता का पर्व मनाया गया मंदिर में पहुंचने के बाद भानुमति अपने आप हंसने व रोने लगीं उन्होंने संकल्प लिया कि वह शीतला मंदिर में ही रहेंगी आसपास के लोग भानुमति को माता मानने लगे लोगों ने उन्हें भानेश्वरी माता का नाम दिया विशेष धार्मिक पर्व में मां भानेश्वरी कील के कांटो से बने पाटा पर बैठती थी आज भी कील के कांटो वाला पाटा मंदिर परिसर में है

ये है मान्यता
माता भानेश्वरी ने एक साल पहले ही मौत की भविष्यवाणी कर दी थी उनके आदेश पर मंदिर परिसर में ही उनके लिए समाधि स्थल का निर्माण कराया गया माता भानेश्वरी ने यहां तीन नवंबर 1975 में समाधि ली इसके बाद यहां मुख्य मंदिर बनाया गया मान्यता है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के दुख माता की भभूति से दूर होते हैं हर साल यहां मेला भी भरता है नवरात्र में ज्योति कलश के साथ नौ दिनों तक विशेष पूजा अर्चना होती है

सिंघोला भानेश्वरी मंदिर के पुजारी दिलीप ठाकुर ने कहा नवरात्र में मंदिर में विशेष पूजा आराधना होती है यह तीर्थ स्थल है माता की भभूति से कई श्रद्धालुओं के दुख दूर होते हैं मंदिर के पास माता का तालाब है जहां वह स्नान करती थी इस तालाब को माता तालाब के नाम से जाना जाता है दो साल पहले यहां तालाब के बीच मां दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया गया नवरात्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं

हर मनोकामना होती है पूरी
शहर से लगे ग्राम सिंघोला स्थित माता भानेश्वरी मंदिर सिद्धपीठ है यहां हर मनोकामना पूरी होती है माता भानेश्वरी की भभूति में देवी मां की शक्ति होती है जिससे श्रद्धालुओं के दूख भी दूर हो जाते हैं बचपन से पूरे परिवार के साथ हर साल दोनों नवरात्र में मंदिर जाकर माता भानेश्वरी के दर्शन जरूर करते हैं





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