Published On Jan 27, 2024
तिब्बत में स्थित महादेव के निवास कहे जाने वाले कैलास पर्वत के समकक्ष ही चार पर्वत और ऐसे है जिन्हे कैलास पर्वत कहा जाता है। इस तरह विश्व में पंच कैलास पर्वत है। कैलास मानसरोवर की ही तरह आदि कैलास या छोटा कैलास उत्तराखण्ड के कुमाऊं क्षेत्र में तिब्बत की सीमा से सटा हुआ है। हूबहू कैलास मानसरोवर की तरह दिखने वाले आदि कैलास या छोटा कैलास के साथ भी गौरी कुण्ड और पार्वती सरोवर है। आदि कैलास पर्वत पर सदैव बर्फ जमी रहती है और इस पर्वत पर महादेव,गणेश जी,महादेव के त्रिशूल जैसी चमत्कारिक छबियां सदैव दृष्टिगोचर होती है। आदि कैलास का रास्ता भी ठीक वही है,जो कैलास मानसरोवर जाने का रास्ता है। कुमाऊं के आखरी बडे कस्बे धारचूला से यह यात्रा प्रारंभ होती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के पहले धारचूला से 40 किमी तक वाहन से जाने के बाद यात्रियों को करीब 75 किमी की दुर्गम पहाडी क्षेत्रों की यात्रा पैदल ही करना पडती थी। लेकिन मोदी जी के आने के बाद अब भारत के आखरी छोर यानी लिपूलेख दर्रे तक सडक बना दी गई है। दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण कहीं कहीं सड़क की हालत बेहद खराब हो जाती है,लेकिन फिर भी चार पहिया वाहन आसानी से चल जाते है। धारचूला से बुधी होते हुए भारत के अंतिम गांव गूंजी पंहुचते है। गूंजी से दाहीनी ओर तीन किमी चलने पर नाबी गांव है,जहां अब कई सारे होम स्टे खुल चुके है। नाबी से आगे जाने पर छोटा कैलास या आदि कैलास के दर्शन होते है,जो कि भारतीय सीमा का अंतिम छोर है। इस विडीयो मे कीजिए पवित्र आदि कैलास के दर्शन।