Published On Mar 6, 2021
निर्माता सुधाकर बोकाड़े ने 1991 में जब “साजन” बनाई तो उन्हें अंदाजा नहीं था की वो एक blockbuster फिल्म का निर्माण कर रहे थे. निर्देशक थे लॉरेंस डिसूज़ा जिनकी बतौर निर्देशक ये दूसरी ही फिल्म थी (पहली फिल्म फ्लॉप रही थी). निर्माण के शुरुवाती संकेत भी ख़ासे अच्छे नहीं थे. संजय दत्त वाला रोल पहले आमिर खान को ऑफर किया गया. उन्होंने स्क्रिप्ट पढ़ी. उन्हें लगा की वो उस रोल से connect नहीं कर पा रहे. गोया वो रोल उनके लायक नहीं था. उन्होंने मना कर दिया. मगर फिल्म की कहानी की तारीफ़ भी की और कहा कि फिल्म ज़रूर चलेगी. उसके बाद संजय दत्त को वो रोल दिया गया. आयशा जुल्का बतौर हीरोइन साइन की गई थी. पर शूटिंग के पहले ही दिन उनको तेज़ बुखार चढ़ गया और वो शूटिंग पर नहीं पहुँच पाईं. लिहाज़ा वो रोल माधुरी दीक्षित की झोली में गया. हाँ ये बात उल्लेखनीय है कि उस समय भी संजय दत्त और माधुरी दीक्षित दोनों, सलमान खान से बड़े सितारे थे.
फिल्म निर्माण में निर्माता निर्देशक दोनों ने अपनी जान झोंक दी. नतीजा ये हुआ की तीन तीन बड़े stars फिल्म में होने के बावजूद फिल्म केवल 36 दिनों में (जी हाँ.. हफ़्तों में नहीं) बन कर तैयार. फिल्म भी 3 घंटे की. और वो भी बजट में . मगर फिल्म ने उस साल सबसे ज्यादा 18 करोड़ का कलेक्शन किया. और बॉक्स ऑफिस पे नंबर 1 रही. (मुक़ाबले में थी सुभाष घई की सौदागर)
संगीतकार नदीम श्रवण ने “साजन” के लिए Filmfare Best Music Director का अवार्ड जीता जो उनका लगातार दूसरा अवार्ड था. प्रस्तुत गीत “ बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम ...” के लिए गायिका अनुराधा पौडवाल जी को भी नामांकन मिला. और वैसे अवार्ड भी उन्होंने ही जीता मगर इस गीत के लिए नहीं, उन्हें अवार्ड मिला “दिल है के मानता नहीं..” के लिए. इस खूबसूरत गीत के शायर हैं समीर अंजान.
[मूल अनुराधा पौडवाल जी वाले version में दो ही अंतरे हैं. इस track में एक अंतरा मैंने जोड़ दिया है (track का पहला अंतरा) क्यूंकि शायरी अच्छी लगी. यदि कुछ संगीत प्रेमियों को इस बात पर ऐतराज़ हो तो मुझे क्षमा करें. अपनी नाराज़गी आप Dislike करने की बजाए कमेंट के रूप में दर्ज़ कर सकते हैं. हां, अगर पूरा ट्रैक ही Dislike करना हो तो बात अलग है]
मेरे एक बहुत करीबी शुभचिंतक की फरमाईश, उन्हीं की नज़र. सालगिरह मुबारक !!!