Published On Nov 27, 2022
LYRICS: ANKIT SHAH(SURAT)
SINGER: MANAN SANGHVI
MUSIC: MANAN SHAH
थावुं मारे रजोहरण रसिया रे
हे
शणगारी संयमनी में साज सवारी रे
अलगारी बनवानी में करी तैयारी रे
मुक्तिना मारगने जोवा मनथी विचारी रे
गुरुवर संगमां आतम रंगमां
आया अवसरीया रे
थावुं मारे रजोहरण रसिया रे...
प्यारा प्रितमनी प्रितने पामी
अरिहंत अविकारी साथमां
वहाली गुरु मा निराळी
पीरसे छे वीरवाणी संगाथमां
आपोने ओघो जल्दी हाथमां
हे थनगन नाचवा निजमां राचवा
उमंग उछळीया रे..
थावुं मारे रजोहरण रसिया रे....
गुरुवर संगमां...
जागी परमनी तरस जागी
मुक्तिनी लगनी लागी जेहथी
एवा श्रमणोनी संगत पामी
बनवुं रे अनुगामी स्नेहथी
'अंकित' करवुं रे मन तेहथी
हे विरती वरवा व्रतने धरवा
संयम रंगरसिया रे
थावुं मारे रजोहरण रसिया रे
गुरुवर संगमां.
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