Nukkad natak Hindi Diwas celebration - Children street play (skit) performance
Shalini Garg Shalini Garg
534 subscribers
94,282 views
925

 Published On Sep 15, 2017

Nukkad natak #Childrenstreet play# hindi diwas #हिंदी दिवस #नुक्कड नाटक
childrendo a street play (skit) performance for Hindi Divas celebration

Script:
सुनो ,सुनो ,सुनो... सुनो, सुनो ,सुनो
भाइयों और बहनों, जवानो और बच्चो।
सुनो सुनो हाँ भई सब सुनो सुनो
साहेबान मेहरबान कद्रदान और ये सारा जहान,
हिन्दी दिवस पर आप सबको हमारा प्रणाम
आप सबको हमारा प्रणाम।
आए हैं हम,आए हैं हम, आए हैं हम
दूर दूर से सबको ये समझाने,
हिन्दी भाषा के महत्व का सबको गीत सुनाने,
आए हैं हम, आए हैं हम, आए हैं हम
कहने को तो हिन्दी हमारी मातृभाषा कहलाती है,
पर जरा आलम तो देखिए ,यही ठीक से समझ नहीं आती है।
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति का मूल
बिन निज भाषा ज्ञान के कटे न हिय की सूल।
मै कुछ बोलूँ
ऐ मैन तुझे हिन्दी पे भरोसा नही क्या ...नही क्या
हिन्दी तू क्यूँ नही बोलता बोलता
हिन्दी की भाषा है अनमोल ...अनमोल
हिन्दी तू खुलके बोल बोल ...बोल बोल
बोल बोल बोल बोल बोल बोल
ऐ मैन तुझे हिन्दी पे भरोसा नही क्या.. नही क्या,

चप्पा चप्पा चरखा चले, चप्पा चप्पा चरखा चले
औनी बोनी आरिया तेरी बौनी बौनी बेरिया तले।
चप्पा चप्पा चरखा चले
अब ये चरखा आपको २० साल पहले ले जाएगा
जहाँ दादी और पोता जब मिलते हैं तो क्या बात करते हैं?
क्या बात करते हैं? क्या बात करते हैं?
पोता- दादी जी प्रणाम
दादी- जीता रह बेटा कैसा है तू?
पोता- दादी जी एकदम बढिया, दादी जी मुझे आप से बहुत सारी कहानियाँ सुननी हैं।
दादी- हाँ बेटा, मैने भी तेरे लिए बहुत सी कहानियाँ सोच रखी हैं, पर पहले ये लड्डू तो खा बेटा।
पोता - वाह दादी लड्डू , आप कितनी अच्छी हैं।

चप्पा चप्पा चरखा चले, चप्पा चप्पा चरखा चले,
अब ये चरखा दिखाता है आज के दादी पोते का संवाद
आज के , आज के
पोता - हैलो दादी, हाउ आर यू?
दादी- मै अच्छी हूँ बेटा, तू कैसा है?
पोता - आए एम गुड, दादी आपके यहाँ वाइ फाइ नहीं है क्या ?
दादी- अरे पगले, वाइ फाइ की जरूरत ना है,मै तुझे कहानियाँ सुनाऊँगी ढेर सारी।
पोता - ओ माय गोड, मेरा आइ पैड कैसे चलेगा?
दादी- चल छोड देख मैने तेरे लिए लड्डू बनाए हैं,आजा खा ले,
पोता - लड्डू , I don't like laddo , l love donuts.
दादी- हे भगवान!! मुझे तो इसकी बात समझ ही नहीं आती,
पोता - मी टू ..dadi ...

मै कुछ बोलूँ
हिन्दी की भाषा कितनी सरल... सरल
अंग्रेजी की क्यों करता नकल..... नकल
उतार दे अंग्रेजी का झूठा खोल .... झूठा खोल
हिन्दी तू दिल से बोल ........ बोल

जब मै छोटा बच्चा था बडी शरारत करता था -३
लेकिन मोबाइल मिलने के बाद -३
मेरा बचपन हुआ बरबाद -३
अरे कैसे बरबाद हो गया भैया?
कैसे भैया? कैसे
Social media की value नहीं पता क्या भैया?
value,....value...., value
देखो भैया face book, Twitter पर बैठे बैठे हम ला सकते हैं क्रान्ति,
वो कैसे भैया? वो कैसे भैया,
बस like , dislike ठोको comment करो, share करो
देखो कितनी जल्दी बात पहुँचती है दूर दूर तक,
हम तो सारे त्योहार और सादी ब्याह भी यहीं बना लेत हैं इ face book, what's app पे,
भैया लेकिन मिलोगे जुलोगे नहीं तो कैसी खुशियाँ कैसा प्यार?
कैसी खुशियाँ कैसा प्यार? कैसी खुशियाँ कैसा प्यार?
खाना भी नैट पर ही खा लेत हो क्या भैया?
भैया आँखें मोबाइल से हटाकर जरा सामने तो देखो,
हँसो,बोलो, मिलो ,जुलो,हँसो,बोलो, मिलो ,जुलो
हँसो,बोलो, मिलो ,जुलो, हँसो,बोलो, मिलो ,जुलो

हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए,
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग पर ये आग जलनी चाहिए ।

एक बात बोलूँ
हिन्दी तुझे अपनो से जोडती ... जोडती
कितना भी तू पिज्जा खाले चाहिए फिर भी रोटी ...रोटी
रोटी है एकदम गोल गोल ... गोल
हिन्दी तू खुल के बोल बोल बोल बोल
बोल बोल बोल बोल बोल बोल

चप्पा चप्पा चरखा चले, चप्पा चप्पा चरखा चले,
ये चरखे ने देश तो आजाद करवा दिया पर ये सोच की गुलामी से कब आजाद करवाएगा?
सोच की गुलामी ? हाँ हाँ सोच की गुलामी।
सोच बदलो देश बदलो , सोच बदलो देश बदलो

होने को तो हो गए हैं आजादी के 70 साल पूरे
हम बने बैठे क्यूँ हैं फिर भी पागल झमूरे।।

हूकूमत के लोगो को तो तू ही रिश्वत देता है,
तू ही नहीं देगा तो कौन है जो ये लेता है।

आज समझ ले कल ये मौका हाथ न तेरे आएगा,
अपनी सोच की आजादी से कब तू मुक्ति पाएगा।

तुझको खुद ही आजाद होना है इस सोच की गुलामी से,
क्योंकि हर बार समझाने कोई शहीद या महापुरूष नहीं आएगा।

आज वक्त है कर्ज चुकाएँ उनकी उस बलिदानी का
समय आ गया संघर्ष करें हम फिर से नई आजादी का


एक बात कहनी है आज देश के प्यारो से
आज देश के प्यारो से, आज देश के प्यारो से

बिगुल बज रहा आजादी का
गगन गूँजता नारो से,
मिला रही है हिंदी की ,
मिट्टी नज़र सितारो से
बात समझ में आई भैया ,बात समझ में आई
हाँ, हाँ बात समझ में आई
अंत में मै कुछ बोलूँ,
हिंदी है भारतियों की पहचान ...पहचान
फिर हिंदी बोलने में क्यूँ परेशान ...परेशान
इसमें ही तो है तेरी शान ... तेरी शान
हिंदी तू दिल से बोल बोल ... बोल बोल
बोल बोल ...बोल बोल ....बोल बोल

...

show more

Share/Embed