चींटी के पग बांधे घुंघरू तो भी साहिब सुनता है
Renu Vashistha Renu Vashistha
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 Published On Sep 2, 2024

प्रणाम,
आज का प्रसंग,
चींटी के पग बंधे घुंघरू तो भी साहिब सुनता है।
सर्वव्यापक, सर्वव्याप्त, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ , अनादि, अनंत आकाश ही तो है। सर्वज्ञ कैसे? आकाश में ऐसा क्या है जो वो सबको जान लेता है और सर्वज्ञ कहलाता है। ध्वनि, आकाश का गुण, सृष्टि का आधार। ध्वनि ही आकाश को सर्वशक्तिमान बनाती है। छोटी से छोटी ध्वनि, नाद बिंदु या अनहद नाद सभी कंपन, स्पंदन प्रति अतिसंवेदनशील आकाश अपने सर्वव्यापक हृदय में चींटी से चींटी (सूक्ष्मतम) हाथी से भी हाथी (स्थूलतम) ध्वनियों के प्रति सजग सचेत रहता है बिना प्रयास ही आपके सुर से सुर मिलाता है, और गगन में छन छन छन छन रुनझुन रुनझुन हो जाती है वही धुन आपके जीवन में बजने लगती है।
"हृदय कमल तै जोति बिराजै । अनहदनाद निरंतर बाजै ।"
हर श्वांस के सुर में आपके नाद बिंदु की ताल
श्वांस के सुर नाद की ताल के साथ चलते हैं। ताल बेताली हो तो प्राणायाम कर कितना भी जीवन के आयाम संभालने की कोशिश करो व्यर्थ ही होगा।
नाद बिंदु को सुने समझे , अपनी छोटी से छोटी ध्वनि को जाने, ये ध्वनि वही है जिससे आपकी उत्पत्ति हुई है। आपकी रचना हुई है, वही अक्षर (जिस ध्वनि के टुकड़े ना किए जा सकें) अक्षर ब्रह्म वही तो आप है। अक्षर अक्षर जोड़ शब्द ब्रह्म बन गए और अनेकानेक राग रच लिए।
आप वही एक तरंग हैं जो आपकी और आकाश की ध्वनि है।
भाषा तो बहुत बाद का विज्ञान है। भाषा का आधार , भाषा की शक्ति ध्वनि है तो ब्रह्मांड का आधार ध्वनि, ब्रह्मांड की शक्ति भी ध्वनि है।
ध्वनि की हमारे जीवन में भूमिका भाषा या बोलने सुनने तक ही नही उससे कहीं अधिक है।
हर विचार , हर कर्म, हर श्वास घर्षण कर रही है, जहां घर्षण है वहां ध्वनि है , ध्वनि है तो आकाश सुन रहा का ध्यान रखिएगा कोई सुन रहा है। श्वास श्वास पर ध्यान का पहरा लगा दो क्या भीतर से बाहर, बाहर से भीतर जा रहा है।
किसका पहरा बिठा दें?
सत्य का।
सत्य से प्रेम, प्रेम से कर्म
सत्यमेव जयते
प्रसंग के मस्तक पर लगी बिंदी ध्वनि का मूल है, प्रणाम के ण में प्रणव का द्वार है।
प्रसंग प्रणाम से प्रणव तक सत्य की विजय यात्रा में भाग लें।
रेणु वशिष्ठ
मेरी काया मेरी वेधशाला
मंगलवार 3.9.24
विचार व्यक्तिगत हैं, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत प्रेषित हैं।
Note:
वीडियो पुणे में हिंदी भाषा पर ली गई कार्यशाला का है। जिसमे हिंदी भाषा के कुछ तथ्य, कुछ प्रत्यय, क्रिया प्रक्रिया के साथ साथ अधि संज्ञान की चर्चा की गई ।

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