Published On Dec 7, 2019
जालौर के किले का इतिहास | आज तक इस किले के दरवाजे कोई नहीं खोल पाया | jalore Fort history
8 से 10वीं सदी के बीच परमारों ने इस अभेद्य किले का निर्माण कराया था। यह दुर्ग चौहानों और राठौड़ों के अधीन भी रहा। यह 1200 फीट ऊंची पहाडी पर स्थित है। किले की लम्बाई लगभग एक किलोमीटर तथा चौड़ाई लगभग आधा किलोमीटर है। इस समय यहां राजा मानसिंह का महल, दो बावडियां, एक शिव मिन्दर, देवी जोगमाया का मिन्दर, वीरमदेव की चौकी, तीन जैन मिन्दर, मिल्लकशाह दातार की दरगाह तथा एक मस्जिद स्थित है। जैन मन्दिरों में पाश्र्वनाथ का मन्दिर सबसे बड़ा एवं भव्य है। मंदिरों में पार्श्वनाथ का मंदिर सबसे भव्य है।
आप हमें इंस्टाग्राम पेज पर फॉलो कर सकते हैं - 👇👇👇
/ aanjna_film_studio
#jalorfort# #jalorkakila# #jalorhistory#
Thanks for watching 🙏 🙏