【5】वर्षा एवं उसके प्रकार
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 Published On Jun 1, 2017

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बादलों के अन्दर मौजूद पानी या हिम के कण जब पृथ्वी पर गिरने लगते हैं, तो उसे वर्षा कहते हैं । वर्षा तब होती है जब बादलों के भीतर बहुत तेजी के साथ संघनन होने लगता है और हवा इन संगठित कणों के वजन को संभाल नहीं पाती ।

किसी स्थान पर वर्षा का होना निम्न परिस्थितियों पर निर्भर करता है -
तापमान, जिस पर जलवाष्प का संघनन होता है तथा
बादलों के प्रकार आदि ।
वर्षा की दशाएँ -

स्पष्ट है कि वर्षा गर्म और आर्द्र हवाओं के संघनन से होती है । यह संघनन निम्न तीन विधियों द्वारा सम्पन्न होकर वर्षा करती है -
(i) संवहनीय वर्षा - धरातल के निचले स्तर पर नम हवा उपस्थित रहती हैं । यह हवा गर्म होने पर ऊपर उठकर फैलती है । ऊपर जाने के कारण यह ठण्डी होने लगती है । ठण्डी होने के बाद यह अपनी कुछ आर्द्रता नीचे गिरा देती है, जिसे हम संवहनीय वर्षा के नाम से जानते हैं । इस तरह की वर्षा निम्न अक्षांशों में गर्मी के दिनों में अक्सर होती है । यह अक्सर दिन के सबसे गर्म हिस्से के बाद अल्पकाल किन्तु भारी बौछार के रूप में आती है । इस वर्षा के साथ बादल गरजते हैं और बिजलियाँ कड़कती है । उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में दोपहर के बाद प्रतिदिन होने वाली वर्षा संवहनीय वर्षा ही होती है ।
(ii) पर्वतीय वर्षा - वैसे तो आर्द्र हवा निचले धरातल पर रहती है । लेकिन जब इसके मार्ग में कोई पर्वत या कोई अन्य ऊँचा भू-भाग आ जाता है, तो यह आर्द्र हवा उस भू-भाग से टकराकर ऊपर उठने के लिए मजबूर हो जाती है । ऊपर उठने से यह ठण्डी होती है । ठण्डी होने के कारण इसमें संघनन होने लगता है, जिससे जलवाष्प भारी हो जाता है । यही भारी जल वाष्प वर्षा के रूप में पहाड़ों पर गिर जाते हैं।

वर्षा के बाद यह हवा प्रतिपवन (Leeward) दिशा में उतरती है यहाँ यह गर्म होने लगती है । यद्यपि इन गर्म हवाओं में आर्द्रता ग्रहण करने की शक्ति आ जाती है, लेकिन इसे आर्द्रता का स्रोत नहीं मिल पाता । इसी कारण प्रतिपवन दिशा में मौसम गर्म और शुष्क हो जाता है । और ये गर्म हवाएँ पर्वत के दूसरी ओर वर्षा नहीं कर पातीं, जिसे ‘वृष्टि छाया’ प्रदेश, (Rain Shedow Area) कहते हैं । विश्व के अनेक मरुस्थल इसी प्रकार के हैं ।

पर्वतीय वर्षा भी अधिकांशतः संवहनीय प्रकार की ही वर्षा होती है, जिसके अंतर्गत गरज-चमक के साथ वर्षा होती है । भारत में खासी पहाडि़यों की ढलानों पर भार Study 91 on youtube
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