Patta Patta Boota Boota Haal Hamaara Jaane Hai-Karaoke
Ravindra Kamble Ravindra Kamble
44.9K subscribers
261,874 views
1.6K

 Published On Apr 13, 2020

प्रस्तुत गीत 1972 में आई फिल्म “एक नज़र” से है. कुछ गीत इतने मधुर और लोकप्रिय होते हैं की वो उस फिल्म को भी लोकप्रिय और अविस्मरणीय बना देते हैं. भले ही वो फिल्म एक औसत स्तर की हो. जैसे की “पारसमणि”. मगर “एक नज़र” का “पत्ता पत्ता बूटा बूटा” गीत इसका अपवाद है. गीत आज भी उतना ही लोकप्रिय है पर फिल्म को लोग भूल चुके हैं. लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी का संगीत और मजरूह सुल्तानपुरी जी की शायरी, अमिताभ बच्चन जी और जया भादुड़ी जैसे कलाकार उस फिल्म में थे. और ये फिल्म अगर अमिताभ बच्चन और जया भादुड़ी के संबंधों के आगाज़ की गवाह नहीं होती तो मुझे लगता है की वो महान कलाकार भी इसे भूलना ही पसंद करते. उस वक़्त अमिताभ बच्चन जी फिल्मों में बस पाँव जमा ही रहे थे. इससे पहले “आनंद” में बतौर सह कलाकार का award ले चुके थे. पर यहाँ निर्देशक B R इशारा उनकी काबिलियत का सही इस्तेमाल नहीं कर सके. ख़ासकर इस गीत का संगीत और शायरी इतनी सुन्दर है मगर picturization एकदम लचर है. हर एक अंतरे में ये जोड़ी पुतले की तरह एक जगह बैठी हुई दिखाई देती है. इसी तरह का किरदार अमिताभ जी ने कुछ सालों बाद “कभी कभी” में निभाया. मगर तब तक उनका अभिनय कितना परिपक्व हो चूका था, बुलंदियों को छू रहा था ये हम सबने देखा.
मजरूह सुल्तानपुरी जी ने मीर तक़ी ‘मीर’ की मशहूर ग़ज़ल का मत्ला (ग़ज़ल का पहला शेर) लेकर उसके आगे की शायरी बड़े सुन्दर अंदाज़ में की है. और उतने ही खूबसूरत अंदाज़ में उसे गाया है मोहम्मद रफ़ी साहब और हरदिल अज़ीज़ लता दीदी ने. इस गीत में बजे तबले के ताल का Variation भी बड़ा ख़ूबसूरत है. लक्ष्मी-प्यारे जी वायोलिन के अलावा संतूर बहुत पसंद करते थे जो इस गीत में भी तबियत से बजा है. इसे बजाया है संतूर के बादशाह पंडित शिवकुमार शर्मा जी ने.
मीर तक़ी ‘मीर’ की मूल ग़ज़ल को जनाब ग़ुलाम अली साहब ने बड़े सुन्दर अंदाज़ में गाया है.
   • patta patta boota boota by Ghulam Ali  

ये track मेरे एक शुभचिंतक DD Gajbhiye जी की फरमाइश पर.....

show more

Share/Embed