शिविर में महिलाओं को दी दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी
MAHENDRA SAINI MAHENDRA SAINI
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 Published On Mar 4, 2019

शिविर में महिलाओं को दी दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार एवम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर के सचिव एवम अपर जिला एवम सेशन न्यायाधीश महोदय के आदेश पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में द्वितीय दिवस दिनांक 4/3/19को विजयसिंहपुर पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें प्राधिकरण बहरोड के मंजू यादव के द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य/केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई वहाँ पर उपस्थित महिलाओं एवम पुरूषों को बताया कि महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करना,महिला का किसी भी प्रकार से अशिष्ट रूपण ,मोबाइल पर अश्लील भाषा का प्रयोग करना,अश्लील चित्र अपलोड करना तथा किसी भी महिला को वैश्यावृति करवाना भीदंडनीय अपराध है दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम 1961के तहत किसी स्त्री को मानसिक,शारीरिक एवम आर्थिक रूप से परेशान करना,अथवा महिला को उत्पीडित कर आत्महत्या के लिए विवश करना अपराध घोषित किया गया है महिला के पति एवम उसके रिशतेदारों द्वारा दहेज़ मागने पर भी दो वर्ष तक के कारावास एवम दस हज़ार रुपये तक के अर्थदंड से दंडित किये जाने का प्रावधान है तथा महिला के साथ किसी भी प्रकार का अपराध घटित होने पर वह संबंधित क्षेत्राधिकार के पुलिस थाने में या महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा सकती है रिपोर्ट की एक कापी महिला को निःशुल्क प्रदान की जाती है उन्हें बताया गया कि थाने में रिपोर्ट दर्ज ना करने पर पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट कर सकते हैं यदि पुलिस अधीक्षक द्वारा भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती है तोपीडित महिला न्यायालय में भी परिवाद पेश कर सकती है साथ ही यह भी बताया कि महिला को बयान लेने के लिए थाने पर नहीं बुलाया जाता है और किसी महिला के अभियुकत होने पर उसे सूर्यास्त के बाद एवम सूर्योदय से पहले थाने में रोककर नहीं रखा जा सकता है उपस्थित लोगों को बताया गया कि कोई भी हिन्दू पुरूष अपनी पहली पत्नि के जीवित रहते हुए दूसरा विवाह करता है तो ऐसा विवाह शून्य होता है और वह आदमी भारतीय दंड संहिता की धारा 498के तहत अपराध का भागीदार बनता है मुस्तफा खान ने बताया कि 18वर्ष से कम उम्र की लड़की एवम 21वर्ष से कम उम्र के लड़के की शादी बाल विवाह कहलाता है जिसके तहत 2वर्ष तक के कारावास एवम एक लाख रुपये तक के अर्थदंड अथवा दोनों से दंडित किये जाने का प्रावधान है बाल विवाह की सूचना कोई भी नागरिक अथवा संस्था पुलिस,प्रशासन अथवा विधिक सेवा प्राधिकरण में कर सकते हैं सूचना को गुप्त रखा जाता है इसके अतिरिक्त उन्हें बताया गया कि किसी महिला के चेहरे अथवा शरीर को तेजाब या ज्वलनशील पदार्थ से झुलसा दिया जाए तो उन्हें सर्जरी आदि के लिये तीन लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है तथा 326(अ)के तहत सजा का प्रावधान किया गया है ऐसी स्थिति में कोई भी सरकारी एवम प्राइवेट चिकित्सालय इलाज से मना नहीं कर सकता है इसके अतिरिक्त राज्य सरकार एवम केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं छात्रवृत्ति योजना विकलांग योजनाओं,विधवा पुनर्विवाह योजना,विधवा पुत्री विवाह योजना,एवं वरिष्ठनागरिको एवम माता पिता का भरण-पोषण कल्याण अधिनियम 2007के संबंध में जानकारी दी गई

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