Published On Feb 1, 2023
Sidesar Mela 2023
सिदेसर मेला हर साल जनवरी -फरवरी माह में होता है।
इस मेले को पड़ोसी गांव टुराखार के लोग भी मानते हैं।
मेले में देवी देवता खेलते हैं नाचते हैं गांव के शीतला माता गांव के गांयता सभी इस मेले को बड़ी धूमधाम से संपन्न कराते हैं।
सिदेसर मेला पार्ट -1
• Sidesar Mela 2023 | सिदेसर मेला २०२...
SIDESAR MELA 2023
मेला दिनांक - 31/01/2023
दिन - मंगलवार
मेला स्थल - ग्राम सिदेसर
विडियो शूटिंग - तरुण कोर्राम एवं दुष्यंत कोर्राम।
विडियो एडिटिंग - तरुण कोर्राम।
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बस्तर संभाग का एक जिला उत्तर बस्तर कांकेर। कांकेर जिले में आसपास के गांवों में प्रत्येक वर्ष मेला मड़ाई होता है।😐
इस मेला को देव मेला के नाम से जाना जाता है।😐
कुछ जानकारी के अनुसार मेला में महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां जितने भी देवी देवता होते हैं उनका एक दूसरे देवी देवताओं से मिलन होता है।😐 इसलिए इसे देव मेला कहा जाता है।🙏🙏😐
( अगर यह जानकारी गलत होगी तो कृपया मुझे कमेंट में अवश्य बताएं ताकि मुझे भी ज्ञात रहे और दुबारा मैं कुछ गलत डिस्क्रिप्शन ना डाल सकूं।।🙏🙏🙏😐 )
आइए मेला के दिन क्या -क्या होता है जानते हैं 😐
मेला के दिन गांयता के घर पर कुछ पूजा अर्चना किया जाता है, मेला स्थल पर भी पूजा अर्चना किया जाता है वहां भी माता का वास होता है।🙏🙏 फिर बाजा मोहरी के साथ शितला माता के प्रांगण की ओर गांयता सियान इत्यादि लोग रवाना होते हैं।😐
शितला माता की पूजा अर्चना करके डांग डोली जो भी शितला माता के मंदिर में रहता है उसको लेकर गांव के गली मोहल्ले में घूमा जाता है और उस सभी घर में जाते हैं जहां पर देवी देवताओं को मानते हैं या देवी देवताओं की विराजमान किया गया हो।😐😐
( मैं पुनः आपसे अनुरोध करना चाहूंगा गलती होने पर मुझे क्षमा करें और गलती को सुधारने में मेरी मदद करें।😐🙏🙏🙏🙏 )
गांव के सभी देवी देवता एक साथ मेला स्थल पर जाते हैं।🙏😐 मेला स्थल जिसे छत्तीसगढ़ी बोलचाल पर मड़ाई भांटा बोला जाता है। इस जगह एक खंभा होता है जिसे मड़ाई खूटा कहा जाता है ।😐🙏
यहां देवी देवता आकर मत्था टेकते हैं तत्पश्चात, पूरे मेला स्थल का 2.5 चक्कर लगाया जाता है।😐🙏
2.5 चक्कर पूरा होने के बाद वापस मुड़कर मेला स्थल या मड़ाई खूटा के पास सभी देवी देवता,आंगा,डांग-डोली आते हैं।🙏🙏😐 उसके बाद शुरू होता है बाजे वालों की अग्निपरीक्षा 🔥🔥🔥🔥 अग्निपरीक्षा इसलिए क्योंकि हम लोग बाजा बजता है तो थिरकने को मजबूर हो जाते हैं ठीक उसी प्रकार जितना अच्छा बाजा बजता है उतना ही प्यारा देवी देवता डांग डोली आंगा खेलते हैं या नाचते हैं।🤗
सभी देवी देवता, डांग-डोली,आंगा बारी बारी से नाचते हैं।🙏🙏🤗
जिसे आम बोलचाल में देवी देवता खेलते हैं बोला जाता है ।🙏😐
ध्यान देने योग्य बात यह है कि, जब आप इस दृश्य को देखने जाते हैं तो देवी देवता डांग डोली आंगा से दूरी बनाए रखें कभी कभी डांग-डोली या आंगादेव अनियंत्रित होकर देखने गए लोगों पर टकरा जाते हैं जिससे चोटिल होने की संभावना बढ़ जाती है।🙏🙏🙏
सभी देवी देवताओं के खेलने के पश्चात थोड़ी देर विश्राम करतें हैं।😐 ढलता हुआ सुरज ओर अपने घोंसलों की ओर उड़ते पक्षियों के नजारे के साथ शाम के समय में पुनः देवी देवता एक दूसरे से विदा लेते हुए अपने घर की ओर प्रस्थान करते हैं।🙏🙏🙏
कुछ इसी तरह से देव मेला संपन्न होता है।😐
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जहां अच्छाई है वहां बुराई भी है जैसे एक सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक उसी प्रकार मेरे द्वारा बनाए गए विडियो को कोई पसंद करते है और कोई पसंद नहीं करते है।🙏🙄
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