Published On Sep 21, 2023
जसवंतनगर की ऐतिहासिक रामलीला होगी 13 अक्टूबर से आरंभ, 163 वर्षों से होता आ रहा है मैदानी रामलीला का मंचन, नहीं किया जाता है यहां रावण का दहन
करीब 163 वर्ष पुरानी मैदानी रामलीला अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जसवंतनगर की मैदानी रामलीला का अपने आप एक अलग इतिहास और अलग पहचान रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित एवं युद्ध प्रदर्शन की प्रधानता वाली यहां की रामलीला के आयोजन की शुरुआत आगामी 13 से आरंभ हो जाएगी।
दुनिया भर में प्रसिद्ध जसवंतनगर की प्रथम मैदानी रामलीला की खास बात यह है कि आम तौर पर प्रदर्शित की जाने वाली मंचीय रामलीलाओं से पूरी तरह भिन्न जसवंतनगर की मैदानी रामलीला अपनी रोचकता, अनूठेपन एवं अपनी कलात्मक शैली के लिए दुनिया भर में जानी जाती है। मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के रामलीला प्रेमी जसवंतनगर शैली की रामलीला के बड़े मुरीद हैं। यहां लीलाओं का प्रदर्शन अपनी विशेष शैली के अनुरूप किया जाता है। यहां के पात्रों की पोशाकों से लेकर युद्ध प्रदर्शन में प्रयुक्त किए जाने वाले असली ढाल-तलवारों, बरछी-भालों, आसमानी वाणों आदि का आकर्षण दर्शकों को अपने आप इसे देखने के लिए खींच लाता है।
श्री रामलीला समिति के प्रबंधक राजीव बबलू गुप्ता और व्यवस्थापक ठाकुर अजेंद्र सिंह गौर से हुई बात चीत आप भी सुने दोनों ने सयुंक्त रूप से क्या जानकारी दी।