#14 -15 जनवरी 2024 सूरघाट वजीराबाद दिल्ली
Shri Guru Maniknath Dham Shri Guru Maniknath Dham
2.98K subscribers
1,469 views
70

 Published On Jan 16, 2024

ज्योतिषविदों एवं पंचांग के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया । इस दिन सूर्य देव प्रातः 02 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस अवसर पर शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा।

मकर संक्रांति पुण्यकाल - प्रातः 07:15 मिनट से सायं 06: 21 मिनट तक
मकर संक्रांति महा पुण्यकाल -प्रातः 07:15 मिनट से प्रातः 09: 06 मिनट तक
मकर संक्रांति के दिन आसपास किसी पवित्र नदी में स्नान करें यदि ऐसा न कर पाएं तो घर में ही गंगाजल मिलकर स्नान कर लें।
आचमन करके खुद को शुद्ध कर लें।
इस दिन दान करने का खास महत्व माना गया
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व
मकर संक्रांति के ज्योतिषीय महत्व के साथ-साथ इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बड़ा माना गया है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्यदेव शनिदेव के पिता हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं जहां एक महीने तक रहते हैं। शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। इस तरह से मकर संक्रांति पिता और पुत्र के मिलन के रूप में देखा जाता है।
वहीं एक दूसरी कथा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने असुरों के आतंक से पृथ्वी लोक के वासियों को मुक्ति कराने के लिए असुरों का संहार कर उनके सिरों को काटकर मंदरा पर्वत पर गाड़ दिया था। तब से ही मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है
उत्तरायण देवता के दिन और दक्षिणायण रात
शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण देवताओं का दिन और दक्षिणायण देवताओं की रात मानी जाती है। दक्षिणायन को नकारात्मकता और अंधकार का प्रतीक जबकि उत्तरायण को सकारात्मकता और प्रकाश का प्रतीक माना गया है।
दूर होते हैं शनि दोष
मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की उपासना, दान, गंगा स्नान और शनिदेव की पूजा करने से सूर्य और शनि से संबंधित तमाम तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।
मकर संक्रांति की पौराणिक मान्यताएं
मकर संक्रांति के दिन ही भीष्म पितामह महाभारत युद्ध समाप्ति के बाद सूर्य के उत्तरायण होने की प्रतीक्षा में मकर संक्रान्ति को प्राण त्यागे थे।
मकर संक्रांति पर देवी यशोदा ने श्रीकृष्ण को प्राप्त करने के लिए व्रत किया था।
मकर संक्रान्ति के दिन ही गंगा कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा मिली थी और भगीरथ के पूर्वज महाराज सगर के पुत्रों को मुक्ति प्रदान की थी।

मकर संक्रांति पर कुछ उपाय करने से कष्टों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है
मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए ऐसा करने से दस हजार गौ दान का फल प्राप्त होता है। इस दिन ऊनी कपड़े, कम्बल, तिल और गुड़ से बने व्यंजन और खिचड़ी दान करने से सूर्य और शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। मकर संक्रांति पर प्रयाग के संगम तट पर स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है
आयोजक : श्रीगुरु माणिकनाथ सर्वजन कल्याण सेवा संस्था रजि. दिल्ली

show more

Share/Embed